UNIX एक बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली Operating System है, जिसे 1960s के आखिरी दौर में Bell Labs में Ken Thompson, Dennis Ritchie और उनकी पूरी टीम ने मिलकर बनाया था। खाश तौर पर यह अपनी मल्टीटास्किंग और मल्टी-यूजर की क्षमताओं के लिए जाना जाता है, और यही कारण है कि यह आज के कई मॉडर्न ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे Linux और macOS की बुनियाद (Foundation) बना हुआ है। अपनी स्टेबिलिटी, सिक्योरिटी और फ्लेक्सिबिलिटी की वजह से, UNIX आज भी एजुकेशन, बिजनेस और टेक इंफ्रास्ट्रक्चर आदि जैसे कई क्षेत्रो में बहुत ज्यादा पॉपुलर है।
तो आज के इस आर्टिकल में, हम UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में चर्चा करने वाले है तो अगर आपको यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम से सम्बंधित जानकारी को प्राप्त करना है तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े। तो चलिए शुरू करते है:
टॉपिक
- 1 What is UNIX Operating System in Hindi – यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?
- 2 History of UNIX in Hindi – यूनिक्स का इतिहास
- 3 UNIX System Architecture in Hindi – यूनिक्स सिस्टम आर्किटेक्चर
- 4 Key Features of UNIX in Hindi – यूनिक्स की मुख्य विशेषताएँ
- 5 Advantages of UNIX in Hindi – यूनिक्स के फायदे
- 6 Disadvantages of UNIX in Hindi – यूनिक्स के नुकसान
- 7 निष्कर्ष (Conclusion)
What is UNIX Operating System in Hindi – यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?
UNIX एक इस तरह का Operating System है जो एक साथ कई सारे यूजर्स (multi-user) और कई सारे कामों (multitasking) को एक साथ मैनेज कर सकता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को इस लिए बनाया गया है, ताकि इसकी सहायता से किसी भी टास्क को एक ही समय में कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर फ़ास्ट, सुरक्षा और आसानी से चलाया जा सके।
UNIX में एक व्यवस्थित फाइल सिस्टम (hierarchical file system), कमांड-लाइन टूल्स (command-line tools) और मजबूत नेटवर्किंग फीचर्स होते हैं। इसका जो मॉड्यूलर डिज़ाइन होता है वह इसे काफी फ्लेक्सिबल और भरोसेमंद बनाता है, जिसकी वजह से यह मॉडर्न ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे Linux और macOS की फाउंडेशन बन गया है।
यूनिक्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह काफी ज्यादा स्टेबल होता है और कई सारी प्रक्रियाओं (processes) को एक साथ एक ही समय पर संभाल सकता है। यह कई सारे छोटे-छोटे टूल्स के सिद्धांत (philosophy) पर काम करता है, जिन्हें एक साथ मिलाकर कितने भी बड़े और जटिल कामों को आसानी से किया जा सकता है।
इसमे जो open standards और बड़े सिस्टम पर चलने की क्षमता (scalability) होती है उसकी वजह से यह सर्वर, वर्कस्टेशन और Embedded सिस्टम के लिए आज भी सबसे ज्यादा पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
History of UNIX in Hindi – यूनिक्स का इतिहास
Beginnings (1960s):
UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत AT&T के बेल लैब्स से हुई थी, जहां वैज्ञानिकों ने MIT और जनरल इलेक्ट्रिक के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम किया था जिसका नाम उन्होंने मल्टिक्स (Multics) रखा। यह जो प्रोजेक्ट था उसका का मकसद एक एडवांस्ड टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना था।
हालांकि, किसी वजह से मल्टिक्स काफी ज्यादा कठिन हो गया था, जिसकी वजह से बेल लैब्स ने इस प्रोजेक्ट को वंही पर छोड़ने का फैसला किया। बाद में फिर, इसी प्रोजेक्ट से प्रेरित होकर यूनिक्स का विकास किया गया, जो आज भी कई सारे मॉडर्न कंप्यूटिंग का एक अहम हिस्सा है।
Birth of UNIX (1969):
बेल लैब्स का एक वैज्ञानिक था जिसका नाम केन थॉम्पसन (Ken Thompson) इसने एक सरल और काफी ज्यादा शक्तिशाली ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने का निर्णय लिया, जिसका नाम उन्होंने UNIX रखा। उन्होंने UNIX का सबसे पहले वर्जन को PDP-7 मिनीकंप्यूटर पर डेवलप किया, जिसने उस समय टेक्नोलॉजी की पूरी दुनिया में क्रांति ला दी और मॉडर्न कंप्यूटिंग की नींव रखी।
The Role of C Language (1970s):
1970s में, डेनिस रिची (Dennis Ritchie) नामक एक वैज्ञानिक ने UNIX को पहले से और भी ज्यादा बेहतर और फ्लेक्सिबल बनाने के लिए C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को बनाया। जब C लैंग्वेज पूरी तरह बन कर तैयार हो गई तो, उसके बाद इसका उपयोग करके यूनिक्स को दोबारा फिर से पूरी तरह लिखा गया, जिसकी वजह से इसे अलग-अलग हार्डवेयर पर चलाना और भी काफी आसान हो गया। इसके कारन UNIX की पॉपुलैरिटी भी तेजी से बढ़ गई।
Expansion and Influence:
समय के साथ – साथ यूनिक्स के कई अलग – अलग वर्जन (Versions) में डेवलप किए गए और इसने BSD, Linux आदि जैसे कई प्रोफेशनल ऑपरेटिंग सिस्टम्स को मोटीवेट यानि इंस्पायर किया। UNIX के जो Fundamental principle है वह आज भी मॉडर्न कंप्यूटिंग को प्रभावित कर रहे हैं, और इसकी उपयोगिता आज भी बरकरार है।
UNIX System Architecture in Hindi – यूनिक्स सिस्टम आर्किटेक्चर
UNIX का जो आर्किटेक्टर है वह कई मुख्य हिस्सों से मिलकर बना है, जो सभी एक साथ मिलकर किसी एक काम करने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाते हैं:

1. Kernel
UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम के केंद्र में हमेशा kernel उपस्थित होता है, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के बीच एक लिंक की तरह काम करता है। यह CPU, मेमोरी, और peripheral devices जैसे सिस्टम रिसोर्स को efficiently मैनेज करता है। Kernel हमेशा महत्वपूर्ण काम जैसे process scheduling, memory allocation, और हार्डवेयर कण्ट्रोल आदि को संभालने का काम करता है, जिसकी वजह से सिस्टम काफी स्मूथ और स्टेबल तरीके से चलता है।
2. Shell
यूनिक्स में जो Shell होता है वह एक कमांड इंटरप्रेटर की तरह काम करता है, जो यूजर्स को सिस्टम के कर्नेल के साथ कम्यूनिकेट करने और सिस्टम ऑपरेशन्स को मैनेज करने में सहायता करता है। UNIX जो है वह कई अलग-अलग तरह के शेल प्रदान करता है, जैसे बॉर्न शेल (sh), C शेल (csh), कॉर्न शेल (ksh), और बैश शेल (bash)। इसके हर एक शेल की अपनी खास विशेषताएं और स्क्रिप्टिंग क्षमताएं होती हैं, जो यूजर एक्सपीरियंस को और भी बेहतर बनाने और टास्क्स को ऑटोमेट करने में सहायता करती हैं।
3. File System
UNIX का जो फ़ाइल सिस्टम होता है वह डेटा को ऑर्गनाइज़ करने, स्टोर करने और मैनेज करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह फ़ाइल्स और डायरेक्टरीज़ को एक सिंपल और लॉजिकल स्ट्रक्चर में ऑर्गनाइज़ करने का काम करता है, और कई अलग-अलग स्टोरेज डिवाइसों को एक ही डायरेक्टरी ट्री के रूप में दिखाता है। इसकी वजह से यूज़र्स और एप्लिकेशन्स के लिए काम करना बहुत ज्यादा आसान हो जाता है।
UNIX फ़ाइल सिस्टम जो है वह कई अलग – अलग तरह की फ़ाइल्स को सपोर्ट करता है, जैसे रेगुलर फ़ाइल्स, डायरेक्टरीज़, सिंबॉलिक लिंक्स (Shortcut), और डिवाइस फ़ाइल्स आदि। यह सिस्टम डेटा को Quickly एक्सेस करने, सिक्योरिटी मेन्टेन करने, और सिस्टम को स्टेबल रखने में सहायता करता है।
4. Utilities and Applications
UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम कई अलग – अलग तरह के टूल्स और एप्लिकेशन्स प्रदान करता है, जो फ़ाइलों को मैनेज करने से लेकर टेक्स्ट एडिटिंग तक कई काम बहुत ही आसानी से करते हैं। इन टूल्स को आपस में एक दूसरे से जोड़ने के लिए पाइपलाइन्स का उपयोग किया जाता है, जिसकी सहायता से मुश्किल से मुश्किल काम भी बहुत आसानी से किए जा सकते हैं। इसके अलावा , UNIX जो है वह Software Development के लिए कई सारे अलग – अलग मॉडर्न टूल्स को भी सपोर्ट करता है, जो इसे प्रोग्रामर्स के लिए एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म बनाता है।
Key Features of UNIX in Hindi – यूनिक्स की मुख्य विशेषताएँ
यहाँ पर हमने UNIX की कुछ प्रमुख विशेषताओ के वारे में बताया हैं:
1. Multi-user Capability
यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को इस लिए बनाया गया है ताकि यह एक साथ कई सारे यूजर्स को सपोर्ट है, जहाँ हर एक यूजर अपने सुरक्षित स्पेस और पर्सनल एक्सेस कंट्रोल के साथ काम कर सकता है। यह जो मल्टी-यूजर सुविधा है वह Resources को स्मार्ट तरीके से मैनेज करती है और टीमवर्क को काफी हद तक आसान बनाती है, जिससे यह यूनिक्स सर्वर और शेयर्ड कंप्यूटिंग सिस्टम्स के लिए एक सबसे ज्यादा पॉपुलर चॉइस बन जाता है।
2. Multitasking
यूनिक्स जो है वह एक मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो एक साथ कई सारे प्रोग्राम या Processes को चलाने की सुविधा प्रदान करता है। यूनिक्स हमेशा टाइम – शेयरिंग टेक्निक का उपयोग करता है, जहां CPU के टाइम को कई छोटे – छोटे स्लाइस में बांटकर अलग – अलग प्रोसेसेज़ को असाइन किया जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेस शेड्यूलिंग को बहुत ही एफिशिएंटली मैनेज करता है, ताकि ऑपरेटिंग सिस्टम में जितनी भी एक्टिव प्रोसेस है उन सभी को बराबर और स्मूथली रिसोर्सेज़ मिल सकें।
आसान भाषा में, यूनिक्स एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जो एक साथ कई सारे कामो को कर सकता है। यह CPU के समय को कई छोटे – छोटे हिस्सों में बांटकर हर काम को थोड़ा-थोड़ा समय देता है, ताकि सभी काम एक साथ चलते रहें और कोई भी काम रुके नहीं।
3. Portability
UNIX की जो सबसे बड़ी खूबिया है उनमें से एक इसकी पोर्टेबिलिटी (portability) है। चूंकि यह C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करके बनाया गया है, इसलिए इसको किसी भी तरह के हार्डवेयर सिस्टम पर बहुत ही आसानी से ढाला और चलाया जा सकता है। इसकी यह फ्लेक्सिबिलिटी खूबी UNIX को छोटी से छोटी डिवाइस से लेकर बड़े – बड़े सुपरकंप्यूटर तक हर एक प्लेटफॉर्म पर काम करने की क्षमता प्रदान करती है।
इसकी पोर्टेबिलिटी बजह से याह न सिर्फ ग्लोबल स्तर पर पॉपुलर हुआ है, बल्कि यह आज के मॉडर्न ऑपरेटिंग सिस्टम्स की नींव भी बना। इसके अलावा, UNIX का मॉड्यूलर डिज़ाइन और इसकी मजबूत सिक्योरिटी फीचर्स इसे डेवलपर्स, रिसर्चर्स और बिजनेसेज के लिए एक ट्रस्टेड ऑप्शन बनाते हैं। यही वो कारण है जिसकी वजह से UNIX आज भी इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक अहम भूमिका निभाता है।
4. Security
जब UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाया गया था तो समय सुरक्षा को काफी ज्यादा ध्यान में रखकर बनाया गया था। इसमें एक स्ट्रांग फाइल परमिशन सिस्टम होता है, जिसका काम यह तय करना होता है कि कौन – कौन इन फ़ाइलों और फ़ोल्डरों को पढ़, लिख या फिर चला सकता है। इसमें हर एक फ़ाइल और फ़ोल्डर के लिए मालिक (owner), समूह (group), और अन्य उपयोगकर्ताओं (others) को अलग-अलग तरह की अनुमतियाँ दी जाती हैं।
इन सभी के अलाबा UNIX user authentication और अन्य कई सुरक्षा तरीको का भी उपयोग करता है ताकि सिस्टम को Unauthorized एक्सेस से बचाया जा सके। जब भी को ज्यादा सुरक्षा की आवस्यकता होती है तो उसके लिए यह एक्सेस कंट्रोल लिस्ट (ACL) और डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन (encryption) का उपयोग करता है।
5. Hierarchical File System
UNIX का जो फ़ाइल सिस्टम होता है वह रूट डायरेक्टरी (/) से शुरू होकर अलग-अलग फ़ोल्डर्स में बंटा होता है। यूनिक्स की यह जो व्यवस्था है वह फ़ाइलों को मैनेज करना आसान बनाती है, जिससे डेटा को स्टोर, ढूंढ और एक्सेस करना काफी ज्यादा आसान हो जाता है। UNIX सिंबॉलिक लिंक्स (shortcuts) और डिवाइस फ़ाइल (hardware communication) आदि जैसी जीतनी भी खास फ़ाइल होती है उन सभी को सपोर्ट करता है, जो इसे और भी लचीला और शक्तिशाली बनाते हैं। यही कारण है कि UNIX का छोटे से लेकर बड़े कामो को करने में इस्तेमाल होता है।
6. Networking
UNIX अपनी बेहतरीन नेटवर्किंग क्षमताओं के लिए काफी ज्यादा मशहूर है, जो कई तरह के प्रोटोकॉल और सेवाओं को सपोर्ट करता है। यह उन शुरुआती ऑपरेटिंग सिस्टम्स में से एक था जिसने नेटवर्किंग को आगे बढ़ाया और इंटरनेट के विकास में अहम भूमिका निभाई। आज, UNIX से आधारित जितने भी सिस्टम्स है वो सभी हाई-परफॉर्मेंस सर्वर के तौर पर इस्तेमाल होते हैं, जो वेब होस्टिंग, ईमेल सर्विस और फ़ाइल शेयरिंग जैसी सेवाओं को आसानी से हैंडल करते हैं।
Advantages of UNIX in Hindi – यूनिक्स के फायदे
- Strength: UNIX अपनी मजबूती और भरोसेमंदता के लिए जाना जाता है। इसको आप बिना रीबूट किए काफी ज्यादा लंबे समय तक चला सकता है, यह जो फीचर है उन सिस्टम्स को उनके लिए बहुत ज्यादा अच्छा बनाता है जिन्हें लगातार चालू रहने की आवश्यकता पड़ती है।
- Security: यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में आपको काफी ज्यादा मजबूत सुरक्षा की सुबिधा देखने को मिलती हैं, जैसे फ़ाइल परमिशन, यूजर अकाउंट्स और नेटवर्क सिक्योरिटी आदि। यह उन सिस्टम्स के लिए काफी ज्यादा बेहतर विकल्प है जिन्हें ज्यादा सुरक्षा की जरूरत होती है।
- Scalability: यूनिक्स को बहुत ही आसानी से जरूरत के हिसाब से बढ़ाया या घटाया जा सकता है और यह कई अलग-अलग हार्डवेयर पर काम करने की क्षमता रखता है।
- Flexibility: इसको बहुत ही आसानी से अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से बदला जा सकता है। यह छोटे डेस्कटॉप सिस्टम से लेकर बड़े और जटिल सर्वर तक हर जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।
- Command-line interface: इसका जो कमांड-लाइन इंटरफ़ेस होता है वह काफी ज्यादा ताकतवर होता है, जो हर एक यूजर को सिस्टम के साथ बहुत तेजी से और प्रभावी ढंग से काम करने की सुविधा प्रदान करता है।
Disadvantages of UNIX in Hindi – यूनिक्स के नुकसान
- Complexity: UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना उन लोगों के लिए बहुत ज्यादा मुश्किल हो सकता है जो हमेशा ग्राफिकल इंटरफेस (GUI) वाले सिस्टम के उपयोग करते हैं। इसका जो कमांड-लाइन स्ट्रक्चर है वह नए यूजर जो अभी इसे सीख रहे है उनको काफी चुनौतीओ का सामना करना पड़ता है।
- High Cost: इसके कुछ वर्जन ऐसे होते है जो कीमत में काफी ज्यादा महंगे होते हैं, खासकर जब उनकी तुलना लिनक्स जैसे फ्री और ओपन-सोर्स विकल्पों से की जाती है।
- Lack of Standardization: आज के समय में यूनिक्स के कई अलग-अलग तरह से वर्जन उपलब्ध हैं, जिसकी वजह से अलग-अलग सिस्टम के बीच Consistency बनाए रखना काफी ज्यादा मुश्किल हो सकता है।
- Limited Software Availability: कुछ ऐसे खाश एप्लिकेशन होते है जो UNIX के लिए उपलब्ध नहीं होते है, जिसकी वजह से यूजर्स को दूसरे विकल्प ढूंढने की आवश्यक पड़ सकती हैं।
- Steep Learning Curve: अगर यूनिक्स को सही तरीके से उपयोग करना है तो उसके लिए आपको टेक्निकल नॉलेज और एक्सपर्ट्स की आवश्यकता होती है, जो नए यूजर्स के लिए इसको और भी कठिन बना देता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
UNIX एक बहुत ही ज्यादा पावरफुल, रिलाएबल, और सिक्योर ऑपरेटिंग सिस्टम होता है, जो अपने high-performance और मल्टी यूजर, मल्टी टास्किंग आदि जैसी सुबिधाओ के लिए जाना जाता है। यह मुख्य रूप से servers, workstations, और enterprise-level systems में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इसकी complexity, कुछ वर्शन की हाई कॉस्ट, और लिमिटेड सॉफ्टवेयर सपोर्ट इसे हर एक यूजर के लिए suitable नहीं बनाते।
Reference: https://www.prepbytes.com/blog/operating-system/introduction-to-unix-system/
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