Switch क्या है? और उसके प्रकार कितने होते है?

Computer Network में Switch एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण networking device है, जो multiple devices को एक दूसरे से कनेक्ट करने और data transmission को मैनेज करने का काम करता है। यह OSI Model के Data Link Layer (Layer 2) पर काम करता है, लेकिन कुछ advanced switches Network Layer (Layer 3) पर भी कार्य कर सकते हैं।

आज के इस blog पोस्ट में हम Computer Network की एक महत्वपूर्ण डिवाइस Switch के बारे में समझने वाले है जैसे Switch क्या होता है, इसके प्रकार कितने से होते है, इसमें Functions कौन – कौन से पॉरफोर्म होता है, साथ ही इनके अलावा हम यह भी जानेगे की यह काम कैसे करता है। अगर आप भी इन सभी टॉपिक्स से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस post को पूरा जरूर पड़े। तो चलिए शुरू करते है और जानते है।

What is Switch in Hindi – स्विच क्या है?

Switch एक इस तरह का नेटवर्किंग डिवाइस है जो बड़े – बड़े network को कई सारे छोटे – छोटे भागो में बाँट देता है, जो subnets या फिर LAN segments के रूप में हो सकते है, इसका मुख्य काम हमेशा डाटा सही जगह भेजने का होता है।

स्विच वह हमेशा MAC address के आधार पर ही डाटा को filter करता है, और उसको पूरी तरह फ़िल्टर करने के बाद सही device तक पहुँचा देते है।

स्विच का सबसे बड़ा फायदा यही है की यह हमेशा डाटा को सिर्फ उन्ही डिवाइस तक भेजता है जिन डिवाइसों को इस की आवश्यकता है, जिसके कारण नेटवर्क काफी ज्यादा तेज और efficient बना रहता है।

Switch Diagram
Switch Diagram

स्विच कई सारे ports से मिलकर बना होता है। तो जब भी किसी port पर कोई डाटा प्राप्त होता है, तो सबसे switch MAC address सहायता से उसकी destination को चैक करता है ताकि यह पता लगाया जा सके की data किस डिवाइस भेजना है।

इसके अलाबा भी कुछ और checks किये जाते है ताकि बाद में डाटा को किसी तरह की समस्या न हो। जब ये सभी checks पूरी तरह हो जाते है तो उसके बाद स्विच data को सही डिवाइस पर भेज देता है।

यह हमेशा OSI Model की Data Link Layer यानि Layer 2 पर काम करता है, लेकिन इनमे से कुछ ऐसे भी advanced switches होते है जो Network Layer यानि Layer 3 पर भी काम सकते हैं।

Switches की स्पीड इस लिए काफी तेज होती है क्योकि इसमें built-in hardware chips लगी होती है जो कि switching का कार्य करती है। यही कारण है की इसकी गति (speed) बहुत तेज है।

देखा जाए तो Hub की तुलना में स्विच काफी ज्यादा intelligent होते है। इसके intelligent होने का सबसे बड़ा तात्पर्य यह है जब भी इसमें किसी तरह का Data packet आता है तो यह सबसे पहले उसको inspect करता है, फिर उसके बाद उस पैकेट की source और destination address का पता करता है और फिर उसके बाद उसको उसकी सही जगह को route करता है। जबकि Hub ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं की जाती है।

Hardware Address Table of the Switch

Hardware address table को हम MAC address table के नाम से भी जानते है जो स्विच का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योकि यह स्विच से जुडी हुई सभी devices के MAC addresses को स्टोर करके रखता है।

जब किसी तरह का डाटा स्विच के किसी पोर्ट पर आता है, तो उसके बाद switch यह चेक करता है की यह जो डाटा आया है उसका MAC address किस डिवाइस का है। अगर वह address table में उपस्थित होता है, तो स्विच यह जान जाता है की डाटा को किसी पोर्ट पर भेजना है। लेकिन कभी – कभी एड्रेस टेबल में नहीं होता है तो उस समय switch उस डाटा को सभी कनेक्टेड ports पर भेज देता है, ताकि जो भी उस डिवाइस उस एड्रेस को होगा वो उसे receive कर सके।

जैसे – जैसे devices डाटा भेजती रहती है, वैसे – वैसे स्विच hardware address table की सहायता से यह सीखता रहता है की किस डिवाइस का MAC address किस पोर्ट से जुड़ा हुआ है, और फिर उसके बाद data को सही जगह पर भेजना आसान हो जाता है।

दूसरे शब्दों में कहे तो hardware address table जो है उसके मुख्य काम स्विच की सहायता करने का ही होता है ताकि डाटा को हमेशा सही जगह भेजा जा सके।

स्विच की जो hardware address table होती है वह कुछ इस तरह हो सकती है जिसको हमने निचे इमेज में दिखाया है –

Hardware Address Table of the Switch
Hardware Address Table of the Switch

Functions of Switch in Hindi – स्विच के कार्य

स्विच के निम्नलिखित Functions को पॉरफोर्म करता है जिनको हमने नीचे परिभाषित किया है:

  • Filtering: Switch जब भी डाटा को किसी डिवाइस तक भेजता है तो उससे पहले वह filtering करता है इसके बाद ही वह उस डाटा को सही डिवाइस तक भेज पाता है, filtering करने का सिर्फ सही डिवाइस चैक करना नहीं होता है वल्कि इसकी सहायता से network efficient रहता है किसी भी तरह का unnecessary traffic भी नहीं आता है।
  • Forwarding: Switch हमेशा डाटा पैकेट्स को efficiently और accurately सही डेस्टिनेशन तक पहुँचता है जिसकी वजह से communication काफी तेज और reliable हो जाता है।
  • Loop Prevention: जितने भी Advanced switches होते है उनमे हमेशा Spanning Tree Protocol (STP) होता है जो नेटवर्क loops को रोकने में सहायता करता है, ताकि कभी भी नेटवर्क में किसी तरह का traffic congestion न हो और उसकी stability भी बनी रहे।
  • Security Enhancement: कुछ ऐसे भी switches होते है जिनमे VLAN (Virtual LAN), Port Security, और Access Control Lists (ACLs) आदि जैसी सिक्योरिटी फीचर का उपयोग होता है, जो जिनका काम network को unauthorized access से सुरक्षित रखने का होता है।
  • Traffic Management: Switches हमेशा Quality of Service (QoS) का उपयोग करते है, जो network traffic को मैनेज करके जितने भी महत्वपूर्ण काम होते है उनको priority प्रदान करता है और एक smooth performance सुनिश्चित करता है।

Working of Switch in Hindi – स्विच की कार्यविधि

जैसा की हमने ऊपर बता है की जब भी हम की स्विच को पहली बार setup करते है तो उस समय स्विच को किसी भी host या फिर किसी भी address की कोई भी जानकारी नहीं होती है।

जब भी कोई host किसी तरह के frame को भेजता है, तो उसके स्विच जो है वह उसके MAC address को table में स्टोर कर लेता है।

क्योकि शुरूबात में स्विच के पास किसी भी destination address की जानकारी नहीं होती है, इसलिए स्विच उस frame को सभी कनेक्टेड hosts के लिए भेज देता है।

फिर, जब भी कोई दूसरा यानि नया host डाटा को भेजता को है, उसके address को भी यह टेबल में स्टोर कर लेता है। यानि जब भी कोई host frame को भेजता है।

Working of Switch
Working of Switch

सबसे पहले तो स्विच यह चैक करता है, की उसका एड्रेस पहले से टेबल में उपस्थित है की नहीं अगर नहीं होता है, तो उस address को भी यह टेबल में स्टोर कर लेता है। इसी तरह से स्विच अपने address table को बना कर तैयार करता है।

स्विच जो है वह सिर्फ Source address को ही अपनी टेबल में स्टोर करता है। इसका यह मतलब है की जब तक कोई host किसी तरह का डाटा नहीं भेजेगा तब तक उसका MAC address और port number स्विच की टेबल में स्टोर नहीं होगा।

जब पूरी तरह से सभी कनेक्टेड hosts के addresses और port numbers स्विच की टेबल में स्टोर हो जाते है तो उसके बाद यह सभी होस्ट को डाटा भेजना बंद कर देता है। इसके बाद यह सिर्फ उन्ही होस्ट के लिए डाटा को भेजता है जिनको इसकी जरूरत है।

Types of Switches in Hindi – स्विच के प्रकार

Switches निम्नलिखित चार प्रकार के होते है:

  1. Unmanaged Switch (अप्रबंधित स्विच)
  2. Managed Switch (प्रबंधित स्विच)
  3. Local Area Network (LAN) Switch (लोकल एरिया नेटवर्क स्विच)
  4. Power over Ethernet (PoE) Switch (पॉवर ऑवर ईथरनेट स्विच)

Unmanaged Switch (अप्रबंधित स्विच)

इस तरह के स्विच का उपयोग आमतौर पर home network या फिर छोटे businesses में किया जाता है। यह Plug-and-Play होते है यानि इनको हमें सिर्फ plug करने की जरूरत होती है क्योकि यह प्लग होने के तुरंत बाद ही अपना काम करना शुरू कर देते है, आशान शब्दों में इसका मतलब यह है की इन्हे किसी तरह के extra configuration की आवश्यकता नहीं होती है।

इन switches को चलाने के लिए हमें काफी कम cable connections की ज़रुरत पड़ती है, जिनकी वजह से नेटवर्क (network) में कई अलग – अलग डिवाइस आसानी से यानि विना किसी समस्या के connect हो जाती है। देखा जाए तो दूसरे switches के मुकाबले, इन switches की प्राइस सबसे कम होती है, यही कारण है की यह छोटे networks के लिए एक बेहतरीन और budget-friendly ऑप्शन होता है।

Managed Switch (प्रबंधित स्विच)

Managed Switch उपयोग ज्यादा तर उन organizations में किया जाता है जो काफी ज्यादा बड़े और complex networks वाले होते हैं, क्योकि इन जगहों पर बहुत ज्यादा security, control, और better network management की जरूरी होती है।

ये जो स्विच होते है उनको नेटवर्क की जरूरतों के हिसाब से customize किया जा सकता है, जिसकी वजह से इसमें performance और efficiency बेहतर होती है। हालांकि, ये बहुत ज्यादा महंगे होते हैं, लेकिन इसकी scalability और flexibility की वजह से यह बड़े और growing organizations के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।

Managed Switch को configure और monitor करने के लिए Simple Network Management Protocol यानि SNMP का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नेटवर्क को रियल-टाइम में कंट्रोल करना और मैनेज करना बहुत ज्यादा आसान हो जाता है।

Types of Managed Switch in Hindi

Managed Switch भी दो प्रकार का होता है :

  1. Smart Switches
  2. Enterprise Managed Switches

Local Area Network (LAN) Switch (लोकल एरिया नेटवर्क स्विच)

इस तरह के स्विच को हम Ethernet Switches या Data Switches के नाम से भी जानते है। इस तरह के जो स्विच होते है उनका उपयोग नेटवर्क में काफी ज्यादा तेजी से डाटा को ट्रांसफर करने और भीड़भाड़ (congestion) को कम करने के लिए किया जाता है।

यह हमेशा डाटा को सिर्फ उनके लिए ही भेजते है जिनको उसकी जरूरत होती है, जिसकी वजह से नेटवर्क की जो स्पीड और परफॉर्मेंस होती है वह और भी ज्यादा बेहतर हो जाती है। इस तरह से switches का उपयोग मुख्य रूप से LAN (Local Area Network) में devices को एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।

Power over Ethernet (PoE) Switch (पॉवर ऑवर ईथरनेट स्विच)

PoE का पूरा नाम Power over Ethernet है इन switches का इस्तेमाल आम तौर पर PoE-enabled networks में होता है, जहाँ पर डाटा और power को हमेशा एक ही केबल (cable) की सहायता से ट्रांसफर किया जाता है।

आशान भाषा में, कहे तो इस टेक्नोलॉजी से जीतनी भी connected devices होती है उनको power और डाटा दोनों एक ही लाइन से प्राप्त होते है, जो इसके installation को बहुत ज्यादा आशान (simple) बनता है।

PoE switches जो होते है वह नेटवर्क के setup को flexible बनाने का काम करते है और cabling की complexity को भी कम करते है, जिससे overall management और maintenance काफी हद तक आशान हो जाता है।

Advantages of Switch in Hindi – स्विच के फायदे

  1. यह सिस्टम काफी ज्यादा efficient होता है, जो टाइम और resources दोनों बचाने में सहायता करता है।
  2. ये बहुत ही ज्यादा simple और आसान होता है, और इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है।
  3. यह method कीमत में भी बहुत ज्यादा सस्ता होता है।
  4. यह नेटवर्क की performance को काफी हद बड़ा देता है, जो इसके tasks को समय पर और efficiently पूरा कर देता है।
  5. ये सिस्टम काफी flexible है, इसका यह मतलब है की आप इसको अलग – अलग situations में उपयोग कर सकते है।

Disadvantages of Switch in Hindi – स्विच के नुकसान

  1. इसमें कुछ ऐसी processes होती है जो time-consuming हो सकती है, जो efficiency को कुछ हद तक स्लो कर देता है।
  2. देखा जाए तो यह hub और bridge दोनों के मुकाबले बहुत ज्यादा महंगा (expensive) होता है।
  3. अगर सिस्टम को अच्छी तरह maintenance किया जाए, तो इसमें issues या फिर bugs आ सकते है जो इसकी performance को हानि पंहुचा सकते है।
  4. स्विच में अगर हमें मल्टीकास्ट पैकेट को handle करना है तो उसके लिए एक proper डिजाईन और configuration की आवश्यकता पड़ती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Switch किसी भी computer network का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो data को तेजी से, सुरक्षित और प्रभावी ढंग से transfer करने में मदद करता है। यह hub की तुलना में अधिक efficient होता है और साथ ही network की performance को बेहतर बनाता है। यदि आप एक high-speed और secure network बनाना चाहते हैं, तो Managed Layer 3 Switch का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और इसकी साझयता से आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा। फिर भी अगर आपको इस टॉपिक से सम्बंधित कोई डाउट या किसी तरह का सुझाब देना हो तो आप हमें कमेंट के जरिए बता सकते है। ऐसे ही और भी interesting topics से सम्बंधित जानकारी के लिए जुड़े रहे “The Hindi Study” के साथ। Thank You!

Reference: https://www.geeksforgeeks.org/what-is-a-network-switch-and-how-does-it-work/

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