Artificial Intelligence (AI) जो है वह आजकल की टेक्नोलॉजी का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। इसमें एजेंट (Agents) बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एजेंट एक तरह Intelligent सिस्टम होता है जो अपने आसपास के माहौल को समझते हैं, उससे जानकारी प्राप्त करते है, फिर प्राप्त की हुई उस जानकारी को प्रोसेस करते हैं, और हमेशा किसी खास Goal को पाने के लिए काम करते हैं।
इस आर्टिकल में, हम AI एजेंटों के अलग-अलग प्रकार को समझेंगे, तो अगर आप भी इस जानकारी को प्राप्त करना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े। तो चलिए शुरू करते है:
टॉपिक
Types of Agents in Ai in Hindi – Agents के प्रकार
AI में Agents को उनकी सोचने – समझने की क्षमता और काम करने के तरीके के आधार पर पाँच अलग – अलग प्रकारों में बाँटा जा सकता है:
- Simple Reflex Agents
- Model-Based Reflex Agents
- Goal-Based Agents
- Utility-Based Agents
- Learning Agent
1. Simple Reflex Agents
Simple Reflex एजेंट्स सिर्फ उस समय मौजूद इनपुट के आधार पर ही काम करते हैं। ये एजेंट कभी नहीं देखते की इससे पहले क्यापरिस्थितिया रहा चुकी है और उनसे क्या अनुभब प्राप्त हुआ था। ये अपने पास पिछले अनुभवों (percept history) को स्टोर करके नहीं रखते है, यानि इसके पास अब तक एजेंट द्वारा जो भी information इखट्टा (collect) की गई है, उनका किसी भी तरह का रिकॉर्ड नहीं होता है।
इसका यह मतलब है कि ये जो एजेंट होते है वो सिर्फ current situation को देखकर निर्णय लेते हैं और जितने भी पुराने अनुभब होते है उनसे बिलकुल नहीं सीखते है।
ये एजेंट्स हमेशा एक स्पेसिफिक रूल (Condition-Action Rule) के हिसाब से ही काम करते हैं। इसमें, एक खास कंडीशन के लिए पहले से ही एक प्री-डिफाइंड एक्शन सेट रहता है। अगर वह कंडीशन सही होती है, तो यह एजेंट उस पर एक्शन लेता है; वरना उस पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लेता है।
ये जो एजेंट्स होते है वे तभी अच्छी तरह से काम कर पाते हैं जब उनका एनवायरनमेंट पूरी तरह से ऑब्जर्वेबल (Fully Observable) हो। अगर एनवायरनमेंट पार्शियली ऑब्जर्वेबल (Partially Observable) होता है, तो ये एजेंट्स कभी भी इनफिनाइट लूप (Infinite Loop) में फंस सकते हैं। फिर एजेंट्स को अगर इस प्रॉब्लम को सॉल्व करना है तो उसके लिए, एक रैंडम एक्शन्स (Randomized Actions) लेने की क्षमता दी जा सकती है।
Simple Reflex Agents की समस्याएं :
Simple Reflex एजेंट जो होते है वह सरल और तेज़ निर्णय तो ले सकते हैं, लेकिन फिर भी इनमें कुछ कमियाँ होती हैं जो हमने नीचे बताई है:
- इस तरह के एजेंट्स सिर्फ पहले से बने नियमों का पालन करते हैं और इनके पास नई परिस्थितियों से सीखने की क्षमता नहीं होती है।
- यह पुराने किसी भी Experience को याद नहीं रखते, इसलिए यह पर्यावरण की जीतनी भी छुपी हुई जानकारी होती है उसको समझ नहीं पाते।
- अगर कभी इन्हे बड़े और जटिल पर्यावरण का सामना करना पड़े, तो इन्हें बहुत सारे नियम बनाने की आवश्यता होती हैं, जिन्हें संभालना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
- अगर पर्यावरण में किसी तरह का बदलाब आता है, तो इनके जितने भी नियम होते है उनको भी मैन्युअल रूप से बदलना पड़ता है।
ये जो कमिया होती है उनकी वजह से, Simple Reflex एजेंट सिर्फ उन्ही वातावरण में अच्छे से काम कर पाते हैं जो पूरी तरह Stable और predictable होते है। अगर जटिल और बदलते हुए वातावरण में किसी तरह के एजेंट का उपयोग करना है तो उसके लिए, सीखने वाले (Learning-Based) या बुद्धिमान एजेंट्स की जरूरत होती है।
2. Model-Based Reflex Agents
एक Model-Based एजेंट अपने आस – पास के एनवायरनमेंट को समझता है और फिर प्रीडिफाइंड रूल्स यानि जो रूल्स पहले से ही तय किये गए है उनके हिसाब से ऑपरेट करता है।
यह सिंपल रिएक्टिव एजेंट्स से पूरी तरह अलग है क्योंकि यह हमेशा अपने पास दुनिया का एक इंटरनल डिजिटल मॉडल बनाए रखता है।इसकी सहायता से, यह उन एनवायरनमेंट्स में भी आसानी से और स्मूथली काम कर पाता है जहां सब कुछ क्लियरली विजिबल नहीं होता है।
इसकी इंटरनल स्टेट जो होती है हमेशा रियल – टाइम में नए डेटा और इनपुट्स के आधार पर अपडेट होती रहती है, और यही नहीं इसकी एक खासियत यह भी है की ये अपने पास्ट एक्सपीरियंसेज से हमेशा सीखता रहता है और खुद को Continuously improve करता रहता है।
जो हिस्से इन एजेंट सीधे या साफ दिखाई नहीं देते, तो उन्हें सही तरीके से समझने और ट्रैक करने के लिए, एजेंट एक संरचित स्मृति (Structured Memory) का इस्तेमाल करता है, जो समय के साथ – साथ बदलती और बेहतर होती रहती है। अगर इस आंतरिक मॉडल (Internal Model) को हमेशा एक्यूरेट बनाए रखना है तो उसके लिए नीचे दिए गए इस सभी टेक्निकल पॉइंट्स को समझना बहुत ज्यादा जरूरी होता है:
- वातावरण समय के साथ खुद से से कैसे बदलता है, अब फिर चाहे एजेंट कुछ करे या न करे?
- एजेंट के एक्शन होते है वह वातावरण को कैसे प्रभावित करते हैं?
- एजेंट को वातावरण से जो जानकारी मिलती है वह कितनी सही होती है और कितनी भरोसेमंद?
- वातावरण में किस – किस तरह की अनिश्चितताएँ (Uncertainties) मौजूद हैं, और उन्हें किस तरह से संभाला जाए?
यह Model-Based टेक्नोलॉजी एजेंट को स्मार्ट तरीके से निर्णय लेने और कॉम्प्लेक्स परिस्थितियों (Complex Scenarios) में भी खुद को एडजस्ट करने (Adaptation) की क्षमता प्रदान कराती है।
3. Goal-Based Agents
Goal-based agents अपने मौजूदा स्थिति (current state) को समझकर यह तय करते हैं कि वह जिस को हाशिल या फिर जंहा तक उनको पहुंचना है उसके के लिए सबसे अच्छा कदम क्या होगा। उनके जितने भी फैसले होते है वे सभी इसी बात पर केंद्रित होते हैं कि वे अपने लक्ष्य के करीब कैसे पहुंच सकते है।
इस तरह के agents होते है वे सभी अलग-अलग तरह के जितने भी संभव एक्शन हो सकते है उन सभी चैक करते हैं और जो भी सबसे बेहतर रास्ता (path) होता है उसे चुनते हैं, यानि जो रास्ता उन्हें सबसे अच्छा और बेहतरीन नतीजा (optimal outcome) दे सके। इन सभी की decision-making प्रक्रिया structured knowledge (संरचित ज्ञान) पर आधारित होती है, जिसे जरूरत पड़ने पर कभी भी बदला या अपडेट किया जा सकता है। इसकी वजह से ये एजेंट और भी ज्यादा लचीले (adaptive) बन जाते हैं।
कुशलता (efficiency) से काम करने के लिए, goal-based एजेंट सर्च तकनीक और strategic planning का इस्तेमाल करते हैं। उनकी लचीलापन (flexibility) जो होती है वह उन्हें बदलती परिस्थितियों (changing conditions) के हिसाब से अपने behavior को बदलने की क्षमता प्रदान करता है। इससे वे dynamic environments (बदलते माहौल) में भी प्रभावी ढंग से काम कर पाते हैं।
4. Utility-Based Agents
Utility-Based Agents स्मार्ट डिसीजन – मेकर्स होते हैं। ये जब भी किसी काम को करते है उसके लिए पहले कई सारे अलग – अलग ऑप्शन को चैक करते हैं और उनका Evaluation करते हैं। सिंपल Goal-Based Agents से यह पूरी तरह अलग होते है, क्योकि यह सिर्फ लक्ष्य पूरा करने पर ध्यान नहीं देते, बल्कि Efficiency (दक्षता), Safety (सुरक्षा), और Cost-Effectiveness (लागत-प्रभावशीलता) आदि जैसे कई फैक्टर्स को भी ध्यान में रखते हैं।
इस एजेंट्स में हर संभावित स्थिति (State) को एक Utility Value दिया जाता है, जो यह बताने में सहायता करता है कि अभी वो जिस स्थिति पर जाने वाे है वह कितनी अच्छी है। यह जो नंबर होता है वह इस एजेंट को अलग-अलग ऑप्शन की आपस में तुलना करने और उनमे से सबसे बेहतर निर्णय लेने में सहायता करता है।
जब कभी भी परिस्थितियाँ अनिश्चित होती हैं, तो इसका जो Utility Function है वह एक जरूरी टूल बन जाता है। यह एजेंट को यह समझने में मदद करता है कि इस समय कौन सा Action लेना उनके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होगा। इसकीसहायता से कठिन स्थितियों में भी एक बेहतर Performance मिलती है।
असल जिंदगी में अक्सर Trade-offs (समझौते) करने पड़ते हैं, लेकिन Utility-Based Agents जो होते है वह इनको संतुलित करने में काफी ज्यादा माहिर होते हैं। ये एजेंट हमेशा Flexibility (लचीलापन) के साथ काम करते हैं, जिससे वे बदलती परिस्थितियों में भी तेजी से Adapt (अनुकूलन) कर सकते हैं।
AI-आधारित Robotics से लेकर Automated Planning Systems तक, Utility-Based Agents कई क्षेत्रों में Processes को Optimize (बेहतर बनाने) और बेहतर नतीजे पाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
5. Learning Agent
Learning Agent आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक खास तरह का एजेंट होता है। यह हमेशा अपने पुराने अनुभवों से सीखकर अपने काम को काफी हद तक बेहतर बनाता है। लेकिन यह जो एजेंट होता है वह सिर्फ पहले से दी गई जानकारी पर निर्भर नहीं रहता, बल्कि यह नए डेटा और हालात के हिसाब से भी खुद को बदलता है।
यह एजेंट सीखने, समझने और अपनी सहायता से अपने काम को बेहतर करने में बहुत ज्यादा माहिर होता है। जब यह पहली बार नॉलेज हासिल कर लेते है तो उसके बाद, यह अपने पुराने अनुभवो से सीखता है और अपने फैसले लेने की जो क्षमता होती है उसको लगातार बेहतर बनाता रहता है। इस तरह, कितनी भी मुश्किल समस्याआ क्यों न हो यह उसका हल ढूंढने में बहुत ज्यादा माहिर होता है।
Learning Agent चार मुख्य हिस्सों से मिलकर बना होता है, जो इसे समझदार और Flexible बनाते हैं:
1. लर्निंग एलिमेंट (Learning Element):
यह एजेंट के आसपास का जो वातावरण होता है उससे जानकारी इकट्ठा करता है और उसकी मदद से नए – नए तरीके सीखकर अपने काम को पहले से और भी ज्यादा बेहतर बनाता है। इसका मुख्य उद्देश्य एजेंट को पहले से और भी कई ज्यादा समझदार और तेज बनाना होता है।
2. क्रिटिक (Critic):
इसका काम एजेंट द्वारा किए गए कामो को चैक करना होता है और फिर उसे यह बताना होता है कि उसने जो काम किया है वह कितना अच्छा है और उसमे कहाँ सुधार करने की आवश्यकता है। इसकी सहायता से एजेंट को अपनी गलतियों से सीखने में मदद मिलती है।
3. परफॉर्मेंस एलिमेंट (Performance Element):
इसका काम यह तय करना होता है कि एजेंट को बाहरी दुनिया में क्या – क्या काम करना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि एजेंट अपने सीखे हुए Knowledge का सही इस्तेमाल करके सही फैसले ले सके।
4. प्रॉब्लम जेनरेटर (Problem Generator):
यह हमेशा एजेंट को नए और मुश्किल से मुश्किल काम करने को देता है, ताकि आगे चलकर वह अलग – अलग तरह के हालात में खुद को और भी बेहतर बना सके। यह एजेंट को नए तरीके सोचने और नए विचार लाने में मदद करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
यह जो एआई एजेंट (AI Agents) है वह कई अलग – अलग क्षेत्रों में बड़े – बड़े बदलाव ला रहे हैं। इनकी जो अपने आप काम करने, फैसले लेने और सीखने की क्षमता है उसकी वजह से स्वास्थ्य, बैंकिंग, सुरक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में तेजी से इस्तेमाल हो रहे हैं। आने वाले समय में, और भी बेहतर एजेंट बनाए जाएंगे, जो समस्याओं को और भी चालाकी से सुलझा सकेंगे।
Reference: https://www.geeksforgeeks.org/agents-artificial-intelligence/
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