Asynchronous Transfer Mode (ATM) in Computer Network in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम computer network के Asynchronous Transfer Mode (ATM) के संबधित कुछ बात करने बाले है जैसे Asynchronous Transfer Mode (ATM) क्या होता है, इसकी लेयर्स कितनी है और कोण कोण सी है। ATM Cell Format क्या – क्या है आदि जैसे टॉपिक पर आज की इस पोस्ट में वाले शुरू करते है और जानते है Asynchronous Transfer Mode (ATM) से सम्बंधित कुछ जानकारी के बारे में।

What is ATM in Computer Network in Hindi

ATM कॉल relay के लिए एक ITU-T standardization सेक्टर का efficient तरीका है और यह video, voice, या data जैसी कई सारी अलग – अलग प्रकार की service को ट्रांसमिट करता है। यह सब छोटे – छोटे fixed साइज के पैकेट्स में होते है, जिन को “cells” के नाम से जाना जाता है। Cells को asynchronously भेजने के बाद जो network होता है वो connection-oriented होता है।

Asynchronous Transfer Mode (ATM) एक ऐसी तकनीक है जो broadband ISDN के विकास में काफी इम्पोर्टेन्ट है। और यह 1970 और 1980 के दौरान कुछ key events का भी हिस्सा रही है। जिसे आज के टाइम में packet switching का evolution कहा जाता है। इसमें हर एक सेल की लम्बाई 53 bytes की होती है जिसमे 48 bytes payload और 5 bytes header होता है। जब भी ATM कॉल किया जाता है तो उससे पहले हमें एक मैसेज को भेजने की जरूरत होती है ताकि कनेक्शन set up हो सके।

इसके बाद, जितना भी cells है वह सभी एक ही path को follow कराती है अपनी destination तक पहुंचने के लिए। यह एक साथ variable और constant rate traffic दोनों को संभाल सकते है। इसी कारण से यह कई अलग – अलग प्रकार के ट्रैफिक को end-to-end service को quality के साथ ले जा सकता है।

Asynchronous Transfer Mode एक ट्रांसमिशन माध्यम से independent होता है, इन्हे या तो किसी और दूसरे carrier systems के अन्दर package किया जा सकता है या फिर package के लिए wire और fiber themselves को भेजा जा सकता है। ATM नेटवर्क virtual circuits के साथ “cell” और “Packet” switching का उपयोग करते है। इसका जो डिज़ाइन होता है वह high-performance मल्टीमीडिया नेटवर्किंग के implementation में बहुत ज्यादा मदत करता है।

Layers of (ATM) Asynchronous Transfer Mode

Atm Layers
Layers of (ATM) Asynchronous Transfer Mode

AAL (ATM Adaption Layer):

ATM Adaption Layer को इस लिए बनाया गया है ताकि इस की सहायता से higher-layer protocols को ATM processes से अलग किया जा सके। और यूजर इस तरह तैयार करने लगते है जिस से डाटा को cells में बदला जा सके, जिसे segment कीया जा सके 48-बाइट cell payloads में। AAL protocol सबसे पहले ऊपरी लेयर services से transmission स्वीकार करता है और फिर उसके बाद उन applications को ATM cells के अंदर मैप करने के लिए मदत करता है जैसे की देखा जाए तो data और voice आदि।

Physical Layer:

यह transmission convergence sublayer और physical medium-dependent sublayer इस दो भागो में बटा हुआ होता है और यह medium-dependent ट्रांसमिशन को manage करता है। इसके कुछ मुख्य फंक्शन है जो नीचे दिए हुए है।

  • यह ATM cell की boundaries पर नजर रखे हुए रहता है यानि ट्रैक करता रहता है।
  • Cells को convert करके bitstream में बदल देता है।
  • साथ ही यह भी ध्यान रखता है की Cells को appropriate type के फ्रेम में पैकेज करना है।
  • और यह reception और physical medium में bits के ट्रांसमिशन को नियंत्रण करता है।

ATM Layer:

यह switching, cell header processing, transmission, congestion control, और sequential delivery आदि को संभालता या उन का ध्यान रखता है। इसके अलावा यह virtual circuits को एक साथ एक ही वार में physical link पर शेयर करने का भी काम करता है जिसे cell multiplexing के नाम से जाना जाता है। इसमें cells को ATM नेटवर्क के जरिए गुजारा जाता है जिसे cell relay कहते है और इस process में cell header में दिए दिए हुए VPI और VCI इन दोनों इनफार्मेशन का उपयोग होता है।

ATM vs DATA Networks (Internet)

  • Virtual circuit-based ATM: जिस में सबसे पहले path reserve किया जाता है फिर उस के बाद ट्रांसमिशन किया जाता है। वंही अगर बात की जाए Internet Protocol (IP) की तो यह Connectionless होता है और इसमें end-to-end संसाधन का आरक्षण सम्भब नहीं होता है। internet पर RSVP एक नया signaling protocol है।
  • ATM Cells: छोटे साइज या Fixed और ट्रेडऑफ के बीच में data या voice, ATM Cells होते है। जबकि, IP packets जो होते है वह सभी variable size के होते है।
  • Addressing: TM सीग्नलिंग के लिए 20-byte के global NSAP addresses का उपयोग करता है और इसके अलाबा cells में पहले से ही local रूप से assign की हुई labels का भी उपयोग करता है जो 32-byte के होते है। वंही देखा जाए तो IP जो होते है वह हर एक पैकेट में 32-bit global addresses का उपयोग करता है।

ATM Cell Format

Asynchronous Transfer Mode में जानकारी को fixed-size units के रूप में transmit करने के लिए cells का उपयोग किया जाता है। इसकी cell होती है उन की हर एक cell की लम्बाई 53 bytes की होती है, जिसमे 48 bytes का payload होता है और 5 bytes का header होता है।

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Asynchronous Transfer Mode (ATM) के दो format types होते है। जो निचे दिए हुए है :

  1. UNI Header: यह private ATM networks के अन्दर ATM endpoints और ATM switches इन दोनों बीच कम्युनिकेशन करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें GFC (Generic Flow Control) field भी शामिल होता है।
  2. NNI Header: NNI Header में GFC (Generic Flow Control) भी शामिल होता है और इस NNI Header का उपयोग ATM switches के बीच communication के लिए किया जाता है। इसकी जगह एक Virtual Path Identifier (VPI) होता है।

How does the ATM work?

यह Data, ATM packets, और voice streams को 48-byte कई सारे छोटे – छोटे टुकड़ों में बाँट देता है और इसमें जितने भी टुकड़े होते है उन हर टुकड़ो में 5-byte का routing header जोड़ देता है। इसे उस समय cell बोलै जाता है जब यह टुकड़ा routing header के साथ होता है।

Asynchronous Transfer Mode जो होते है वह cell का उपयोग डाटा transmission के लिए करते है। और सभी ATM cells जो है उनका साइज एक जैसा यानि same होता है और सेल को जी लाबाई है वह 53 bytes की होती है। इस सभी cells में दो अलग – अलग पार्ट्स होते है एक तो header होता है और एक payload होता है। इसके header पार्ट में protocol-specific जानकारी होती है और वही payload में डाटा स्टोर होता है जो users का होता है।

Cells transmit करने से पहले, ATM जो है वह दोनों endpoints के बिच में एक VC स्थापित करता है। VC के स्थापित होने के बाद ही, ATM उस VC का उपयोग करके सारे cells को transmit करता है। और जो cells होते है वह सभी एक ही रास्ते का उपयोग करके destination तक पहुंचते है।

हम आपसे आशा करते है की आपको computer network से सबंधित यह पसंद जरूर आई होगी जिस में हम ने कंप्यूटर नेटवर्क के एक टॉपिक ATM (Asynchronous Transfer Mode) के बारे में कुछ चर्चा। साथ ही आपको इस की मदत से कुछ नया जानने को मिला होगा। लेकिन फिर भी आपको इस टॉपिक से सम्बंधित कोई और जानकारी या फिर इससे सम्बंधित कोई सुझाब देना हो तो आप कमेंट में बता सकते है। Thanks for Reading.

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