Artificial intelligence (AI) में Environment जो होता है वह एक एक्सटर्नल वर्ल्ड होता है जिसमें हमेशा किसी तरह का एक एजेंट ऑपरेट करता रहता है। Agent जो होता है वह अपने Sensor की सहायता से एनवायरनमेंट में उपस्थित जानकारी का डाटा इनपुट करता है और फिर Actuator की सहायता से उस डाटा के हिसाब से रिस्पॉन्स देता है।
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम Artificial intelligence (AI) के Environments के कुछ प्रकार को आसान भाषा में समझेंगे। तो अगर आप इन प्रकारो से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े। तो चलिए शुरू करते है:
टॉपिक
- 1 Types of Environments in AI in Hindi – Environments के प्रकार?
- 2 1. Fully Observable vs Partially Observable
- 3 2. Deterministic vs Stochastic Environment
- 4 3. Competitive vs. Collaborative Environments
- 5 4. Single-Agent vs. Multi-Agent Environments
- 6 5. Dynamic vs. Static Environment
- 7 6. Discrete vs. Continuous Environment
- 8 7. Episodic vs. Sequential Environment
- 9 Known vs. Unknown Environments
- 10 निष्कर्ष (Conclusion)
Types of Environments in AI in Hindi – Environments के प्रकार?
इसके कैरेक्टरिस्टिक्स और कॉम्प्लेक्सिटी के आधार पर AI एनवायरनमेंट को कई अलग-अलग टाइप्स में क्लासिफाई किया जाता है जिनको हम ने नीचे बताया है:

- Fully Observable vs Partially Observable
- Deterministic vs Stochastic
- Competitive vs Collaborative
- Single-agent vs multi-agent
- Static vs Dynamic
- Discrete vs Continuous
- Episodic vs Sequential
- Known vs Unknown
1. Fully Observable vs Partially Observable
AI और डिसिजन-मेकिंग प्रोसेस में, किसी भी एनवायरनमेंट की ऑब्ज़र्वेबिलिटी (Observability) यह तय करने का काम करती है कि कोई भी एजेंट अपने आस – पास के वातावरण से साथ कितने प्रभावी ढंग से इंटरैक्ट कर सकता है।
Fully Observable Environment in Hindi
जब किसी तरह एक एजेंट के सभी सेंसर किसी भी वातावरण की पूरी जानकारी को हर समय प्राप्त कर सकते हैं, तो इसे पूर्णतः अवलोकनीय (Fully Observable) कहा जाता है। ये जो वातावरण होता है उसमें सभी जानकारियाँ clearly उपलब्ध होती हैं, जिसकी वजह से किसी भी तरह का निर्णय लेना काफी ज्यादा आसान हो जाता है और किसी भी एजेंट को पिछली घटनाओं को याद रखने की कोई ज़रूरत नहीं होती।
उदाहरण:
शतरंज (Chess) – चैस जो होता है वह एक फुली ऑब्ज़र्वेबल एनवायरनमेंट होता है क्योंकि इस गेम का पूरा बोर्ड और ऑपोनेंट की मूव्स हमेशा विजिबल होती हैं। इससे इसको खेलने वाले प्लेयर्स फुल इंफॉर्मेशन के आधार पर किसी भी तरह की स्ट्रैटेजी बना सकते हैं।
Partially Observable Environment in Hindi
जब किसी एजेंट को अपने आस – पास उपस्थित पूरी तरह कंप्लीट जानकारी हर समय प्राप्त नहीं होती है, तो इसे पार्शियली ऑब्ज़र्वेबल (Partially Observable) एनवायरनमेंट कहते हैं। इस तरह की सिचुएशन में, सेंसर्स की कमी, छुपी हुई रुकावटें, या बदलती परिस्थितियाँ किसी भी तरह की पूरी जानकारी तक पहुँचने में रुकावट पैदा कर सकती हैं। ऐसे मामलों में, एजेंट को फैसला लेने के लिए अनुमान, याददाश्त और संभावना (Probability) के हिसाब से कैलकुलेशन का इस्तेमाल करना पड़ता है।
उदाहरण:
ड्राइविंग (Driving) – यह एक पार्शियली ऑब्ज़र्वेबल एनवायरनमेंट का ही उदहारण है क्योंकि ड्राइवर जो होता है उसको रोड पर हर एक चीज़ दिखाई नहीं देती है। Curves के पीछे क्या है, दूसरे ड्राइवर्स क्या एक्शन लेंगे, या रोड पर कोई Obstruction है या फिर नहीं यह सब कुछ Estimation पर डिपेंड करता है।
2. Deterministic vs Stochastic Environment
Artificial Intelligence और डिसिजन-मेकिंग सिस्टम्स जो होते है उनमें, एनवायरनमेंट को मुख्य रूप से दो कैटेगरीज़ में बांटा जा सकता हैै – डिटरमिनिस्टिक (Deterministic) और स्टोकेस्टिक (Stochastic)। अब इनमें से कौन से टाइप का कब उपयोग किया जाएगा यह इस बात पर डिपेंड करता है कि उनके जो रिजल्ट्स है वह कितने प्रेडिक्टेबल हैं।
Deterministic Environment in Hindi
Deterministic Environment जो होता है उसमेें हर एक एक्शन का रिजल्ट पहले से पता होता है। इस तरह के एनवायरनमेंट में किसी भी तरह के बाहरी फैक्टर (External Factor) का इफेक्ट नहीं किया जाता है, जिसके कारण एजेंट के लिए डिसिजन लेना काफी सिंपल और प्रिडिक्टेबल (Predictable) हो जाता है।
उदाहरण:
शतरंज (Chess) – शतरंज जो है उसमें हर एक पीस (Piece) की जो मूव है वे सभी फिक्स्ड रूल्स (Fixed Rules) के हिसाब से होती है, और किसी भी सिचुएशन में सिर्फ लिमिटेड मूव्स (Limited Moves) ही उपलब्ध होती हैं। इस वजह से, शतरंज जो है वो Deterministic एनवायरनमेंट का एक सबसे बेहतरीन उदाहरण है।
Unpredictable / Stochastic Environments in Hindi
अनियतात्मक परिवेश (Unpredictable Environment) में चीज़ें रैंडम (random) होती हैं। यहाँ एक ही एक्शन के अलग-अलग रिजल्ट्स हो सकते हैं क्योंकि बाहरी फैक्टर्स डिसिजन्स को इफेक्ट करते हैं।
उदाहरण:
स्वचालित कारें (Self-Driving Cars) – शतरंज के बिलकुल उल्टा, automatic cars होती है जो हमेशा इसे एनवायरनमेंट में चलती हैं जो पूरी तरह से अनप्रिडिक्टेबल होता है। इस तरह का जो एनवायरनमेंट होता है उसमें ट्रैफिक, पैदल चलने वाले, मौसम और दूसरी बाहरी कंडीशन्स कभी भी अचानक बदल सकती हैं। इसी वजह से इसमें एक ही डिसिजन का रिजल्ट हर बार अलग – अलग देखने को मिल सकता है।
3. Competitive vs. Collaborative Environments
आज की जो डिजिटल और ऑटोमेटेड दुनिया है उसमें, मशीनों और एजेंट्स के जो काम करने के तरीके है उनको मुख्य प्रकार से दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है – कॉम्पिटिटिव (Competitive) और कोलैबोरेटिव (Collaborative) एनवायरनमेंट।
Competitive Environment in Hindi
जब किसी एनवायरनमेंट में उपस्थित किसी एजेंट का उदेश्य सिर्फ दूसरे एजेंट को हराकर खुद को उससे ज्यादा बेहतर साबित करना होता है, तो उस तरह के एनवायरनमेंट को competitive environment कहते हैं। इसमें हर एक एजेंट को अपने टार्गेट तक पहुँचने के लिए strategies बनानी पड़ती है और इसमें उपस्थित हर एक एजेंट अपने से दूसरे एजेंट की कमियों का फायदा उठाने की कोशिश करता है।
उदाहरण: देखा जाये तो शतरंज का खेल भी एक competitive environment है। इसमें दो खिलाडी (agents) हमेशा एक – दूसरे को हराने के लिए स्ट्रेटेजी (strategy) बनाते हैं ताकि वे मैच को जीत सकें। इसी तरह, stock market में भी investors और companies एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश करते हैं ताकि वे ज्यादा लाभ (Benefit) कमा सकें।
Collaborative Environment in Hindi
जब किसी एनवायरनमेंट में कई सारे एजेंट्स एक साथ मिलकर एक ही लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करते हैं, तो इस तरह के एनवायरनमेंट को Collaborative Environment कहते हैं। इसमें उपस्थित हर एक एजेंट एक – दूसरे की सहायत करता है ताकि सबका काम अच्छे पूरा हो और जिस लक्ष्य को वे प्राप्त करना चाहते है वो पूरा हो सके।
उदाहरण: ऑनलाइन कुछ गेम्स ऐसी होती है जिनमें कई सारे खिलाड़ी एक टीम बनाकर खेलते हैं ताकि वे सभी मिलकर गेम को जीत सकें।
4. Single-Agent vs. Multi-Agent Environments
आज की यह जो डिजिटल और ऑटोमेटेड दुनिया है, उसमे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में उपयोग किए जाने वाले एनवायरनमेंट्स को कई अलग – अलग प्रकारों में विभाजित किया जाता है। जिनमे से दो प्रमुख प्रकार सिंगल-एजेंट (Single-Agent) और मल्टी-एजेंट (Multi-Agent) Environment हैं।
Single-Agent Environment in Hindi
जब किसी एनवायरनमेंट में सिर्फ एक ही एजेंट काम कर रहा होता है और उसका किसी दूसरे एजेंट के साथ किसी भी तरह से कोई सीधा कनेक्शन नहीं होता है, तो इस तरह के एनवायरनमेंट को सिंगल-एजेंट एनवायरनमेंट कहा जाता हैं। इसमें जितने भी एजेंट होते है वे सभी खुद ही फैसले लेते है और अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपनी Strategies पर निर्भर रहता है।
उदाहरण: अगर कोई व्यक्ति अकेले ही किसी भूलभुलैया (Maze) से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है, तो यह एक सिंगल-एजेंट एनवायरनमेंट होता है। इस एनवायरनमेंट में व्यक्ति को खुद तय करना होगा कि उसे किस दिशा में जाना है, ताकि वह मेज़ से बाहर निकल सके।
Multi-Agent Environment in Hindi
जब किसी एनवायरनमेंट में एक साथ काफी अधिक एजेंट उपस्थित होते हैं, जो या तो आपस में सहयोग (Collaboration) करते हैं या फिर एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा (Competition) करते है, तो उस तरह के एनवायरनमेंट को Multi-Agent Environment कहते हैं। इसमें सभी एजेंट्स अपने-अपने खुद के निर्णय लेते हैं और इसमें हर एजेंट का कार्य किसी दूसरे एजेंट्स के निर्णयों से Affected होता है।
उदाहरण: फुटबॉल का जो खेल होता है वह एक Multi-Agent Environment होता है। इस खेल में हर टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं, जो एक साथ मिलकर खेलते हैं। सभी खिलाड़ियों के निर्णय टीम की पूरी strategy और opposing टीम की गतिविधियों (Activities) से प्रभावित होते हैं।
5. Dynamic vs. Static Environment
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में उपयोग किए जाने वाले एनवायरनमेंट्स को उनकी प्रकृति के आधार पर Dynamic और Static दो तरह के Environment में बाँटा जाता है।
Dynamic Environment in Hindi
जब किसी तरह के एनवायरनमेंट की स्थिति लगातार या फिर बार – बार बदलती रहती है, खासकर उस वक्त जब कोई एजेंट उसमें कोई क्रिया करता है, तो उसे Dynamic Environment कहा जाता है। इसमें एनवायरनमेंट कभी भी अपने आप बदल सकता है, जिसके कारण एजेंट को कई ऐसी परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता है जो पूरी तरह से undefined होती है।
उदाहरण: अगर हम इसका उदाहरण देखे तो, एक रोलर कोस्टर की सवारी (Roller Coaster Ride) जो है वह एक तरह से Dynamic Environment ही होता है। जब रोलर कोस्टर गति (motion) में होता है, तो उसका स्थान, गति और दिशा लगातार हर समय बदलती रहती है, जिससे वातावरण भी हर एक पल में परिवर्तित होता रहता है।
Static Environment in Hindi
ऐसा एनवायरनमेंट जिसकी स्थिति हमेशा एक ही जगह पर स्थिर रहती है और वह तब तक अपनी स्थिति नहीं बदलता है जब तक कोई बाहरी शक्ति उसे प्रभावित न करे, तो उसे Static Environment कहा जाता है। इसमें जो एजेंट होते है उनकी गतिविधियाँ वातावरण पर कोई प्रभाव नहीं डालतीं।
उदाहरण:
Static Environment का सबसे अच्छा और बेहतरीन उदाहरण एक खाली घर (Empty House) है। जब भी कोई व्यक्ति उस ग़म में प्रवेश (Entry) करता है, तो उसके चारों ओर का जो वातावरण होता है वह पूरी तरह से अपरिवर्तित रहता है, क्योंकि ऐसे स्थानों पर काफी समय से कोई भी गतिशील तत्व उपस्थिन नहीं होते।
6. Discrete vs. Continuous Environment
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) में, एजेंट के जो काम करने के तरीके है उनके हिसाब से एनवायरनमेंट को मुख्य रूप से दो कैटेगरी में बाँटा जाता है – Discrete Environment और Continuous Environment।
Discrete Environment in Hindi
अगर किसी एनवायरनमेंट में एक निश्चित (limited) संख्या में एक्शन्स उपस्थित होते हैं, जिन्हें काफी ज्यादा सोच-समझकर किया जाता है ताकि इसकी सहायत से कोई रिजल्ट प्राप्त किया जा सके, तो इस तरह का जो एनवायरनमेंट होता है उसे डिस्क्रीट एनवायरनमेंट (Discrete Environment) कहा जाता हैं। ऐसे एनवायरनमेंट में सभी तरह के Possible एक्शन्स को गिनने की क्षमता होती है।
उदाहरण: शतरंज (Chess) जो है वह भी एक Discrete Environment का उदाहरण है। इसमें खिलाड़ियों के पास सिर्फ सीमित संख्या में मूव्स (Moves) होते हैं। ऐसा हो सकता है की प्रत्येक गेम में चालों की संख्या बदल जाए है, लेकिन इसके जो मूव्स (Moves) होते है वो हमेशा सीमित (finite) ही रहती है।
Continuous Environment in Hindi
जब किसी एनवायरनमेंट में होने वाली क्रियाएँ एक सीमित संख्या में नहीं गिनी जा सकतीं, यानी ऐसी प्रक्रियाए जो हमेशा विना रुके और लगातार होती रहती हैं, उस तरह के एनवायरनमेंट को Continuous Environment कहा जाता है। इसमें जितने भी एजेंट उयस्थित होते है उन सभी को Unlimited Possibilities के साथ मिलकर काम करना पड़ता है।
उदाहरण: सेल्फ-ड्राइविंग कार (Self-Driving Car) इसका एक बहुत ही बेहतरीन उदाहरण है। कार को चलाना, रोकना, मोड़ना, या फिर उसे पार्क करना आदि जैसी सभी क्रियाएँ किसी सीमित संख्या में नहीं गिनी जा सकतीं, क्योंकि ये समय और हालात के हिसाब से हमेशा बदलती रहती हैं।
7. Episodic vs. Sequential Environment
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) में, काम करने वाले एनवायरनमेंट्स को उनकी डिसिजन-मेकिंग प्रोसेस के हिसाब से दो कैटेगरीज़ में डिवाइड किया जाता है: एपिसोडिक (Episodic) और सीक्वेंशियल (Sequential)।
Episodic Environment in Hindi
जब किसी एजेंट के काम को कई अलग-अलग घटनाओं या एपिसोड्स (Episodes) में बाँटा जाता है, और इससे प्राप्त होने वाले हर एक निर्णय का पिछली किसी भी घटनाओं से कोई भी लेना – देना नहीं होता है, तो इसे Episodic Environment कहा जाता हैं। इसमें हर एक एपिसोड में एजेंट को एनवायरनमेंट के जरिए इनपुट मिलता है और फिर एजेंट उसके हिसाब से एक्शन लेता है, लेकिन पिछली घटनाओं का उस पर कोई असर नहीं होता।
उदाहरण: अगर हम एक Pick & Place robot को लें, जो कन्वेयर बेल्ट पर से हर खराब पार्ट्स को अलग करता है। यहाँ, हर बार रोबोट एक पार्ट को देखकर तय करता है कि उसे हटाना है या नहीं। इस प्रोसेस में, हर निर्णय पूरी तरह अलग होता है और पिछले निर्णयों का कोई असर नहीं होता।
Sequential Environment in Hindi
एक ऐसा एनवायरनमेंट जिसमें किसी एक एजेंट के द्वारा लिया गया पिछला निर्णय भविष्य में लिए जाने वाले सभी निर्णयों को प्रभावित करता है, तो उसे Sequential Environment कहा जाता है। इसमें एजेंट का अगला कार्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसने पहले कौन से निर्णय लिए थे और आगे उन्हें क्या करना है।
उदाहरण: शतरंज या चेकर्स का खेल एक Sequential Environment होता है। इसमें किसी भी खिलाड़ी के द्वारा पहले चली गई चालें आने वाली सभी चालों को प्रभावित करती हैं। यदि किसी भी चाल में गलती हो जाती है, तो उसका प्रभाव पूरे खेल में देखने को मिल सकता है।
Known vs. Unknown Environments
AI के लिए किसी भी वातावरण (Environment) को समझना बहुत जरूरी होता है, और यह इस बात पर निर्भर करता है कि AI को पहले से उस वातावरण से सम्बंधित कुछ जानकारी है या फिर नहीं। तो इसके आधार पर एनवायरनमेंट को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है – Known Environment और Unknown Environment।
Known Environment in Hindi
जब AI को पहले से ही किसी वातावरण के सभी नियम और काम करने के तरीके पता होते हैं, तो इसे Known Environment कहते हैं। इसमें AI को आसानी से निर्णय लेने में मदद मिलती है क्योंकि उसे कुछ नया सीखने की जरूरत नहीं पड़ती।
उदाहरण: अगर कोई रोबोट इस तरह की प्रयोगशाला (Lab) में काम कर रहा है, जहां उसे हर मशीन और उपकरण के बारे में पहले से जानकारी है, तो यह एक Known Environment होगा। इस माहौल में रोबोट को किसी भी चीज को समझने या नया सीखने की जरूरत नहीं होती, वह सीधे अपने काम पर ध्यान दे सकता है।
Unknown Environment in Hindi
जब AI को किसी वातावरण के बारे में कोई भी जानकारी पहले से पता नहीं होती और उसे काम करने के लिए खुद के पिछले अनुभव से सीखना पड़ता है, तो इसे Unknown Environment कहते हैं। ऐसे वातावरण में AI को धीरे-धीरे चीजों को समझना और उनके अनुसार काम करना पड़ता है।
उदाहरण: अगर कोई रोबोट किसी नए ग्रह (Planet) की खोज कर रहा है, जहां उसे कुछ भी पहले से नहीं पता, तो यह एक Unknown Environment होगा। उसे चलते – फिरते अपने आसपास के इलाके को समझना होगा, सतह को पहचानना होगा, और नई परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना होगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
AI जिस तरह के एनवायरनमेंट (Environment) में काम करता है, वह उसके डिज़ाइन, कॉम्प्लेक्सिटी, और परफॉर्मेंस को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। फिर चाहे वह Uncertainty हो, डायनामिक चेंजेस हों, या फिर मल्टीपल इंटरेक्टिंग एजेंट्स (Multiple Interacting Agents) का आपस में एक – दूसरे के साथ इंटरैक्शन (Interaction) हो, AI को इन सभी तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए सही स्ट्रैटेजीज़ (Strategies) के साथ तैयार होना चाहिए।
इन एनवायरनमेंट्स (Environments) को समझने से डेवलपर्स को एक स्मार्ट AI सिस्टम्स बनाने में सहायता मिलती है, जो सेल्फ – ड्राइविंग कार्स से लेकर इंटेलिजेंट गेम बॉट्स और अन्य रीयल-वर्ल्ड एप्लीकेशन्स के लिए काफी बेहतरीन बिल्कुल साबित होते हैं।
Reference: https://www.geeksforgeeks.org/types-of-environments-in-ai/
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