IoT में Activity Monitoring क्या है? और यह काम कैसे करता है?

हम यह तो जानते ही है की आज हमारे इस जीबन सरल बनाने के लिए Internet of Things (IoT) का बहुत बड़ा योगदान है, और आज के समय में IoT का उपयोग कई जगहों पर किया जा रहा है जैसे Smart Home, office, hospital, और यहाँ तक की इसका उपयोग factories में भी काफी तेजी से बड़ रहा है।

जिसमे Activity Monitoring का भी बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान रहा है, Activity Monitoring, IoT में किसी भी डिवाइस या सिस्टम की activity को ट्रैक और analyze करने में सहायता करता है।

अगर आप भी Activity Monitoring in IoT को सरल और आसान भाषा में समझना चाहते है, तो आप इस ब्लॉग को पूरा जरूर पड़े क्योकि इस ब्लॉग में हम यह जानने वाले है की Activity Monitoring होता क्या है?, Activity Monitoring काम कैसे करता है, और साथ ही हम यह भी जानेंगे की आज की समय में Activity Monitoring की Popular Devices कौन – कौन सी है। तो अगर आपको Activity Monitoring पर case study करनी है तो इस ब्लॉग को पूरा जरूर पड़े।

What Activity Monitoring in IoT in Hindi – Activity Monitoring क्या है?

IoT में Activity Monitoring का काम किसी भी डिवाइस, sensor या फिर किसी नेटवर्क की activities को चैक करना, record करना और फिर उन्हें analyze करना होता है।

IoT सिस्टम में Activity Monitoring ये सभी काम सेंसर, cameras, GPS trackers और स्मार्ट डिवाइस के माध्यम से किए जाते है, Activity Monitoring की सहायता से real-time डाटा इकट्ठा करने में सहायता मिलती है।

आज के समय में यह security, factory automation, healthcare और traffic control आदि जैसे कई सारे क्षेत्रो में उपयोग किया जा रहा है।

Activity Monitoring in IoT
Activity Monitoring in IoT

अगर ये सिस्टम AI (Artificial Intelligence) और ML (Machine Learning) का उपयोग करते है तो उसकी सहायता यह unusual activities का भी पता लगा सकते है, जो fraud detection और risk management में काफी ज्यादा सहायता करता है।

Cyber security में भी इसका उपयोग करना बहुत जरूरी होता क्योकि यह unauthorized access और डाटा को चोरी होने से भी बचाता है।

How does activity monitoring work in IoT in Hindi?

Activity Monitoring एक सिस्टेमेटिक प्रोसेस है जिसमे sensors और devices से लेकर user interface तक की पूरी स्टेप शामिल होती है। नीचे दिए हर एक स्टेप को हमने detail में समझाया है:

1. Sensors or Devices

ये जो सिस्टम है उसका सबसे पहला और महत्वपूर्ण पार्ट Sensors और devices होती है जो physical और environmental में उपस्थित अलग – अलग प्रकार के डाटा को इकट्ठा करते है, जैसे:

  • Motion Sensors – इनका काम किसी भी object या फिर किसी इंसान की movement detect करना होता है। जैसे, PIR sensors एक मोशन डिटेक्टर सेंसर जिसका उपयोग आमतौर पर घरो की सुरक्षा के लिए किया जाता है।
  • Temperature Sensors – इन सेंसर का उपयोग Temperature का level मापने के लिए किया जाता है। जैसे: AC और refrigerators में जो sensors उपयोग किए जाते है वह एक तरह के टेम्परेचर सेंसर ही होते है।
  • Heart Rate Monitors – इन सेंसर का उपयोग Health tracking devices में किया जाता है। जो हर समय हमारी बॉडी में होने बाली एक्टिविटी को मॉनिटर करते है।
  • GPS Trackers – अगर किसी object, vehicle या फिर किसी इंसान की location को track करना है तो उसके लिए GPS Trackers का उपयोग किया जाता है जो एक तरह का सेंसर ही होता है।

ये सभी जो sensors और devices है वह एक तरह से real-world में होने वाली activities को डिजिटल सिग्नल्स में बदलता है।

2. Data Transmission

जब भी sensors और devices द्वारा किसी तरह का डाटा collect किया जाता है, तो उसके बाद उसे किसी एक नेटवर्क के माध्यम से analysis करने के लिए भेजना पड़ता है। जिसके लिए Communication Protocols का उपयोग करना होता है, जैसे:

  • Wi-Fi – इसका उपयोग High-speed डाटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है, जैसे: smart cameras, smart speakers और smart home devices जो डाटा ट्रांसफर करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करते है।
  • Bluetooth – जब भी हमें Short-range डाटा ट्रांसफर करना होता है तो उसके लिए हम इस Protocol का उपयोग करते है, जैसे: smartwatches, fitness bands, और wireless earphones जो कम से कम distance या फिर nearby में connect होते है।
  • Zigbee – इसका उपयोग Low-power वाले wireless communication के लिए किया जाता है, जैसे: स्मार्ट लाइटिंग, स्मार्ट थर्मोस्टैट्स और IoT home automation आदि जैसी सभी डिवाइस इसमें बहुत ही कम power का उपयोग करती है क्योकि ये सभी समेशा efficiently काम करती है।
  • LPWAN (Low-Power Wide-Area Network) – Long-range और low-power communication के लिए इस protocol का उपयोग किया जाता है, जैसे: स्मार्ट एग्रीकल्चर सिस्टम, एनवायरनमेंट मॉनिटरिंग डिवाइस और industrial IoT sensors आदि सभी काफी ज्यादा दूरी तक डाटा भेजते है बिना एक्स्ट्रा power consume किए।

ये सभी technologies डाटा को real-time या फिर नियमित आधार पर भेजने में सहायता करती है।

3. Cloud Storage or Processing

जब भी किसी नेटवर्क की सहायता से डाटा भेजा जाता है तो उसे store और process करने के लिए cloud computing का उपयोग किया जाता है।

  • Cloud Storage – जब भी डाटा शेयर किया जाता है तो वह किसी एक centralized servers पर स्टोर होता है जंहा से access और analysis किया जाता है।
  • Processing Tools – इस स्टेज में AI और analytics tools का उपयोग करके डाटा को एक meaningful information में बदला जाता है।
  • Security Measures – इसमें डाटा encryption और authentication तकनीको का उपयोग किया जाता है ताकि डाटा हमेशा सुरक्षित बना रहे।

Cloud computing की वजह से ही आज large-scale वाली Activity Monitoring सम्भब हो पाती है और एक साथ multiple devices का डाटा एक ही जगह पर स्टोर किया जा सकता है।

4. Data Analytics or AI

जब डाटा Cloud पर स्टोर हो जाता है तो उसके बाद, Machine Learning (ML) और AI algorithms का उपयोग किया जाता है जिनकी सहायता से डाटा को analysis किया जाता है। इस प्रोसेस को कई तरह से किया जा सकता है।

  • Pattern Detection – ये जो AI algorithms है वह historical डाटा को एनालाइज करके कुछ patterns identify करते है, जैसे कोई एक इंसान daily walking आदत को ट्रैक करना।
  • Anomaly Detection – अगर इसमें किसी तरह का कोई unusual activity दिखाई देती है तो ये जो सिस्टम होता है वह इसको detect कर सकता है, जैसे एक स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम किसी भी अनजाने चहरे को detect कर लेता है ठीक उसी तरह।
  • Predictive Analysis – इसमें अगर किसी future events का अनुमान लगाना होता है तो उसके लिए यह पुराने डाटा की सहायता लेते है। जैसे किसी एक मशीन की performance को analyze करके यह बताना की इस मशीन को maintenance की कब ज़रुरत पड़ेगी।

AI और analytics की सहायता से Original data को एक Actionable data में बदला जाता है, जो उपयोगकर्ताओं के लिए काफी ज्यादा मदद गार होता है।

5. User Interface

लास्ट में, जब analyze पूरी तरह कम्पलीट हो जाता है, तो उसके बाद उस analyzed को यूजर तक पहुंचने के लिए किसी तरह के एक user-friendly interface का उपयोग करना पडता है। यह जो interface है वह कई सारे अलग – अलग फॉर्म में हो सकता है।

  • Mobile Apps – इन apps की साहयता से कोई भी यूजर जो इन apps इस्तेमाल कर रहा है वह अपने smartphone पर ही डाटा को देख सकता है और उन्हें कण्ट्रोल भी कर सकता है, जैसे fitness tracking apps जिनका काम आपकी daily steps और heart rate दिखाना होता है।
  • Web Dashboards – Business और industrial उपयोग कर्ताओ के लिए एक web-based dashboards उपस्थित होता है जिसका काम आपको real-time reports और graphs दिखाना होता है।
  • Smart Alerts – जिस जगह पर आपने इस setup को लगाया है तो अगर वह पर किसी भी तरह की कोई unusual activity होती है तो यह तुरंत आपको एक notification या alert भेज देता है, जैसे smart security camera app में अगर कोई मोशन डिटेक्ट होता है तो हमें एक alert मिलता है।

User Interface का सबसे बड़ा और मुख्य काम यही होता है की यूजर इसे आसानी समझ सके और उन पर जरूरत के हिसाब से actions ले सके।

Popular Activity Monitoring Devices in Hindi

IoT में activity monitoring का उपयोग कई सारी अलग – अलग जगहों और industries में किया जाता है। ये जो टेक्नोलॉजी है वह हमारे वातावर में से real-time data collection और analysis करने में सहायता करती है।

जैसे processes को optimize किया जा सके और decision-making को और भी ज्यादा बड़ा सके। तो चलिए IoT में activity मॉनिटरिंग के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग देख लेते है:

1. Smart Home or Security Devices:

Activity monitoring की सहायता से स्मार्ट हाउस और सिक्योरिटी सिस्टम्स को और भी कई ज्यादा efficient और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

CCTV Cameras:

  • ये जो cameras होते है वह एक ही जगह से आस – पास के हर एक angle का वीडियो रिकॉर्ड करते है और फिर उस वीडियो footage को किसी cloud या फिर किसी local storage में सुरक्षित save कर देते है।
  • आज कल के जो CCTV cameras आते है वह काफी ज्यादा स्मार्ट होते है यानि इनमे आपको normal cameras के मुकाबले काफी ज्यादा advanced features देखने को मिल जाते है जैसे night vision, motion detection, और remote access आदि।
  • ये cameras हमारे आस – पास हो रहे अपराधों को रोकने में बहुत ज्यादा सहायता करते है, और इनकी सहायता से हम क्रिमिनल को भी आसानी से पकड़ सकते है।
  • ज्यादा तर सभी, CCTV cameras एक effective और reliable सिक्योरिटी उपाय है।
  • Example: Google Nest Cam, Arlo Security Cameras.

Motion detectors:

  • Motion detectors का मुख्य काम अपने आस – पास होने वाली किसी भी मूवमेंट (movement) को sense करना और फिर उस पर react करना।
  • इस तरह की सभी devices किसी भी movement को detect करने के लिए infrared technology या फिर ultrasonic waves का उपयोग करती है।
  • जब भी कोई व्यक्ति या किसी तरह का object इस motion detector की रेंज में आ जाता है, तो यह तुरंत उसी वक्त आपको signal भेज देता है।
  • ये जो सिग्नल होते है उनकी सहायता से कई कामो को किया जा सकता है, जैसे इसकी सहायता से alarm trigger हो सकता है, जब भी आप अपने रूम में एंटर करते है तो उस रूम की lights खुद से चालू हो सकती है, CCTV cameras रिकॉर्डिंग शुरू कर सकते है।
  • अगर हम Motion detectors को अपने घर या ऑफिस के gates, windows, और sensitive एरिया में लगाते है तो उसकी सहायता से हम एक extra layer की सुरक्षा प्रदान कर सकते है।
  • इन devices की सहायता से हमारा security systems और भी कई ज्यादा smart और efficient बनता है।
  • Example: Ring Video Doorbell

Smart Home Devices:

Smart Home Devices में IoT-enabled डिवाइस जैसे smart locks और sensors का उपयोग करके हम अपने घर और ऑफिस की safety और comfort को काफी ज्यादा हद तक आसान बनाया जा सकता है।

ये सभी डिवाइस Activity Monitoring करने का काम करती है, इनकी सहायता से हमें यह पता चालत है की कौन – कौन हमारे घर के अंदर आया और कौन – कौन घर से बहार गया। इस तरह की होने वाली हर एक activity की real-time updates और alerts ये घर वालो को भेजता रहता है।

इसके अलावा, इस तरह के जो सिस्टम होते है वो वालो को दूर से ही इसे कण्ट्रोल करने ऑप्शन देते है, इस फीचर की सहायता से आप अपने घर के किसी भी lights, locks, और दूसरी किसी चीज जो IoT-based है उसे कंही से भी manage कर सकते है।

आसान भाषा में कहे तो, आप इसकी सहायता से office में बैठे या फिर अगर आप कंही पर छुट्टिया बनाने गए है तो वंहा से भी अपने घर की Activity Monitoring कर सकते है।

2. Health or Fitness Monitoring Devices:

IoT में हेल्थ और fitness monitoring को बहुत ज्यादा आसान और काफी हद तक smart बना दिया है, जिसकी सहायता से लोग अपनी health को real-time में ट्रैक कर सकते है।

IoT-based Health Monitoring Systems, एक ऐसे स्मार्ट सिस्टम होते हैं जो Activity Monitoring की सहायता से मनुष्य की बॉडी में होने वाली एक्टिविटी जैसे BP (blood pressure), ECG (electrocardiogram), और glucose levels आदि जैसे vital signs को बहुत ही आसानी से measure करने में सहायता करती है।

ये सभी सिस्टम real-time डाटा प्रदान करती है, जिससे मरीज और doctors को तुरंत उसी समय updates मिलती रहती हैं और समय पर medical intervention सम्भब हो पाता है।

Activity Monitoring की वजह से मरीजों की हेल्थ पर लगातार यानि हर समय नजर रखी जा सकती है, जिससे बीमारियों का जल्दी पता लगने और सही समय पर इलाज शुरू करने में सहायता मिलती है।

Example: Smart BP Monitors, ECG Tracking Devices, Continuous Glucose Monitors (CGM) जैसी IoT-enabled healthcare gadgets आदि।

Wearable Devices:

Wearable devices, ऐसी डिवाइस होती है जिनकी सहायता से लोग अपनी हार्ट रेट, बॉडी काउंट, calories burned और sleep patterns को आसानी से track कर सकते है।

ये सभी डिवाइस जो होती है वो हमेशा high accuracy के साथ real-time डाटा देती है, जो यूजर को fitness improve करने, daily activity monitor करने और health goals achieve करने में सहायता करती है।

Example: Fitbit, Apple Watch, Samsung Galaxy Watch और Garmin, आदि।

3. Smart Cities or Traffic Monitoring Devices:

Smart Cities, एक ऐसा सहर होता है जो बहुत ज्यादा advanced होता हैं जहां पर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके infrastructure और public services को बहुत ज्यादा smart और आसान बनाया जाता है।

Smart Cities में ट्रैफिक cameras और GPS tracking का उपयोग रोड पर होने वाली हर एक एक्टिविटी जैसे भीड़ – भाड़ और हर एक vehicles की movement को मॉनिटर करने के लिए किया जाता है।

यह सिस्टम सहर के traffic को control में मदद करता है और जेम्स को reduce करने में सहायता करता है जिससे लोगो का सफर बहुत आसान और smooth हो जाता है।

इसके अलाबा, IoT sensors की सहायता से स्मार्ट स्ट्रीट लाइट्स को भी automatically एडजस्ट किया जा सकता है, जो workers की एनर्जी को बचाने और security बढ़ाने में उपयोगी होता है।

Example: AI-based Traffic Cameras, GPS Tracking Systems, Smart Streetlights और IoT-enabled Parking Systems, आदि।

4. Industrial Monitoring Devices:

Factories में IoT एक इस तरह की टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से मशीनो की हर एक activity को ट्रैक किया जाता है और उनकी performance को भी monitor किया जाता है।

ये जो सिस्टम होता है वो हमेशा high accuracy के साथ real-time डाटा प्रदान करता है, जो इंडस्ट्रीज को machines की efficiency बढ़ाने, डाउन टाइम बढ़ाने, कम करने और production को smooth बनाने में सहायता करता है।

ये IoT-based प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस सिस्टम किसी भी मशीन के ख़राब होने से पहले ही अलर्ट भेज देता है, जिससे उन मशीनो को समय पर repair किया जा सकता है और इससे production में आने वाली दिक्कत को भी रोका जा सकता है।

Example: Smart Sensors, Industrial IoT Platforms (IIoT), Predictive Maintenance Tools जैसे Siemens Mind Sphere, GE Predix, IBM Maximo, आदि।

5. Agriculture or Environmental Monitoring

Agriculture monitoring Devices:

Agriculture monitoring डिवाइसों की सहायता से किसान खेती करने में स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करके खेती को आसान बनाते है। IoT sensors और AI-based devices की मदद से किसान soil moisture, टेम्परेचर, humidity और crop health जैसे महत्वपूर्ण फैक्टर्स को ट्रैक कर सकते है।

इससे उन्हें fertilizers, irrigation और pesticides का सही तरीके से उपयोग करने में सहायता मिलती है, जो फसल की quality और production दोनों को बढ़ाने में सहायता करता है।

Example: John Deere Precision Agriculture, Netafim, CropX, DJI Agras, Parrot Bluegrass.

Environmental Monitoring Devices:

Environmental monitoring का सबसे बड़ा और मुख्य उद्देश्य pollution levels, air quality, water quality और weather conditions को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।

IoT-based स्मार्ट सेंसर्स हवा और पानी में उपस्थित harmful gases, toxins और pollutants का पता करने में सहायता करते है। ये सिस्टम factories, industries और urban क्षेत्रो में pollution को कण्ट्रोल करने के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी होते है।

Smart cities में एयर क्वालिटी की सहायता से real-time डाटा को इखट्टा किया जाता है, जिसकी सहायता से pollution control measures लिए जा सकते है।

साथ ही, IoT-based weather monitoring सिस्टम जो होता है उसकी सहायता से बारिश, आंधी, गर्मी या ठण्ड का एकदम सही prediction किया जाता है, जो की disaster management और climate change आदि जैसी studies के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण (important) होता है।

Example: IQAir, Clarity Node-S, Davis Instruments, Ambient Weather, Libelium, YSI EXO Sonde.

निष्कर्ष (Conclusion)

तो आज हमने इस ब्लॉग की सहायता से Activity Monitoring in IoT से सम्बंधित कुछ जानकरी प्राप्त की जैसे Activity Monitoring होता क्या है?, Activity Monitoring काम कैसे करता है, और साथ ही हम यह भी जानेंगे की आज की समय में Activity Monitoring की Popular Devices कौन – कौन सी है।

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