Hub एक networking device है जो physical layer पर काम करता है और एक साथ multiple devices को एक जगह connect करता है। यह data को filter नहीं कर सकता, इसलिए इसमें जो incoming डाटा होता है उसको यह सभी connected port पर broadcast करता है। Hubs का ज्यादा तर उपयोग LAN जैसे छोटे नेटवर्क को बनाने के लिए किया जाता हैं।
तो स्वागत है आपका “The Hindi Study” पर! आज हम यंहा आपको यह बताने वाले है की Hubs क्या होते है और यह कैसे काम करते है। साथ ही इसके अलाबा हम यह भी discuss करेंगे के Hubs कितने प्रकार के होते है। तो चलिए शुरू करते है और जानते हैं।
टॉपिक
- 1 What is Hub in Hindi – Hub क्या है?
- 2 Types of Hubs in Hindi – Hub के प्रकार
- 3 Work of Hubs in Computer Network in Hindi
- 4 Features of Hubs in Hindi
- 5 Do hubs use IP address in Hindi
- 6 Applications of Hubs
- 7 Advantages of Hub in Hindi – Hub के फायदे
- 8 Disadvantages of Hub in Hindi – Hub के नुकसान
- 9 Conclusion (निष्कर्ष)
What is Hub in Hindi – Hub क्या है?
Hub एक बहुत ज्यादा basic और सिंपल network device है जो कई सारी अलग-अलग तरह की devices को एक network में एक साथ connect करता है।
इसको दूसरी भाषा में multi-port repeater भी कहा जाता है, जो multiple wires को एक साथ एक जगह पर connect करने के काम आता है।
इसके अलाबा भी इसका उपयोग (use) Star topology में हब के अलग-अलग स्टेशनों को एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए होता है।

Hub जो है उसके कई सारे ports होते है, और जब कभी भी किसी एक port पर कोई packet आता है, तो उसके बाद हब जो होता है वह उस packet को उन सभी devices तक भेज देता है जो हब से connected होती है।
लेकिन hub कभी भी data को नहीं कर सकता है, इसलिए जितने भी data packets होते है वह सभी devices के लिए भेजे जाते है, फिर चाहे वो उनके लिए हो या न हो।
इसका यह मतलब यह है की हब के साथ connected सभी devices का जो collision domain होता है वह एक जैसा होता है।
हब में routing tables मौजूद नहीं होती है, इसके अलाबा यह सिर्फ data को सभी कनेक्टेड ports पर बिना किसी तरह के destination address को समझे broadcast करता है।
आसान भाषा में कहे तो यह एक simple और basic networking डिवाइस है जो advanced features जैसे data filtering और routing provide नहीं करते है।
Types of Hubs in Hindi – Hub के प्रकार
Computer Network में Hub तीन प्रकार होते है जिनको हमने नीचे परिभाषित किया है:
- Active Hub
- Passive Hub
- Intelligent Hub
Active Hub
Active हब में एक इस तरह की power supply लगी होती है जो आने वाले सभी weak signals को regenerate और amplify करके उन्हें स्ट्रांग बनाती है, ताकि उन्हें आसानी से यानि efficiently बाकी के ports तक transmit किया जा सके।
यह हब “पैसिव हब” से काफी ज्यादा advanced होते हैं क्योंकि यह सबसे पहले data को monitor करते हैं और फिर उसके बाद समझदारी से यह डिसाइड करते हैं, कि कौन सा पैकेट पहले फॉरवर्ड किया जायेगा और कौन सा बाद में।
इसके अलावा, Active Hubs में और भी कई सारे feature/facilities होती हैं जो उन्हें और भी ज्यादा Reliable और efficient बनाते हैं, लेकिन ये पैसिव हब से बहुत ज्यादा महंगा होते हैं।
Passive Hub
Passive हब जो है वह एक तरह से काफी simple connection point होते है जो अलग – अलग प्रकार की network cables के signals को एक साथ connect करने का काम करते है।
इनमे किसी भी तरह के computerized element शामिल नहीं होते है, और यह केबल star topology में उपस्थित devices के wires को ही एक दूसरे से connect करने का काम करते है।
Passive हब किसी भी तरह का processing या फिर किसी भी signal को regeneration नहीं करते है, इसलिए इनमे किसी तरह से electricity का उपयोग नहीं होता है।
यह केबल signal को repeat या फिर उन्हें copy करने का काम करते है, पर signal को clean या amplify नहीं करते है।
Passive hubs LAN (Local Area Network) डिवाइस को connect करते है और यह 10base-2 port और RJ-45 connectors का उपयोग करते है जो नेटवर्क में standard होते है।
इसके अलाबा जितने भी Advanced passive हब होते है उनमे AUI ports भी शामिल होते है, जो हमेशा transceivers से connected रहते है, जो नेटवर्क (network) design के हिसाब से होता है।
ये हब नेटवर्क में बग्स और Faulty hardware को Identify करने में सहायता करते हैं। जब भी एक पैकेट किसी पोर्ट से आता है, यह उससे सभी पोर्ट्स तक Circulate करते हैं।
Intelligent Hubs
Intelligent Hubs active और passive hubs से बहुत ज्यादा smart होते हैं। इनमे एक Management Information Base (MIB) उपस्थित होता है, जो नेटवर्क (network) की समस्याओ (problems) को analyze और troubleshoot करने में सहायता करता है।
यह हब “Active Hubs” की तरह ही work करते हैं, लेकिन इसमें network में आने वाले traffic को monitor करने और port configuration को manage करने का extra यानि अलग से एक feature होता है।
Intelligent hubs जो है उसमे मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर उपस्थित होता है जो नेटवर्क (network) issues को पहचानने (detect) करने और उन्हें solve करने में मदद करता है।
इसके अलाबा यह networking को कुशल (efficient) बनाने में भी सहायता (help) करते है, खाश तौर पर तब जब local area networks में काफी ज्यादा performance improve होती है। अगर कोई device issue भी होता है, तो हब उसको आसानी से detect कर लेता है।
Work of Hubs in Computer Network in Hindi
कंप्यूटर नेटवर्क में Hubs एक central connection point होते हैं जो नेटवर्क (network) की सभी devices को एक साथ एक ही जगह connect करते हैं और frames के हर data को सही तरीके से हैंडल करते हैं।
तो जब कभी भी कोई frame receive होता है, फिर उसके बाद हब उसको amplify करके computer के destination पर जो port उपस्थित होता है उस तक भेजता है। यह frame हब के सभी पोर्ट्स पर पास होता है, चाहे वो frame सिर्फ एक port के लिए ही क्यों न हो।
हब में ये capacity नहीं होती कि वह यह decide कर सके की frame को किस पोर्ट पर भेजा है। यही कारण है की उस frame को हर port पर भेजा जाता है. इस process की वजह से network पर काफी ज्यादा traffic generate होता है, जो network के लिए बहुत ज्यादा harmful हो सकता है।
Hub, जो होता है वह एक standard switch के comparison में बहुत ज्यादा slower होता है, क्योंकि यह एक समय में सिर्फ एक ही काम करने की क्षमता रखता है यानि यह एक समय में या तो data को भेजना है, या फिर receive कर सकता है। अगर हम इसकी cost की बात करें, तो हब के मुताबिक एक switch बहुत महंगा होता है।
Features of Hubs in Hindi
- Hub एक ऐसा central connection point होता है जो सभी devices को मिलकर एक network बनती है।
- यह data packets को सभी connected devices के लिए भेजता है, अब फिर चाहे वह किसी एक device के लिए ही क्यों न हो।
- Hubs में data को intelligent route करने की ability नहीं होती, इसी लिए यह data को सभी ports तक भेजते हैं।
- Hubs incoming signals को amplify करते हैं, ताकि डाटा destination तक बिना signal को loss किए बिना भेज देता है।
- यह physical layer (Layer 1) पर काम करते हैं, जिसमे यह सिर्फ data transmission को handle करते हैं।
- Hubs, switches के मुताबिक (comparison) काफी ज्यादा slow होते है क्योकि यह एक समय पर एक ही काम करते है यानि यह डाटा को भेज सकते है या फिर receive कर सकते है।
- Hubs बहुत ही simple devices होते है, जिनमे filtering या फिर data management जैसे advanced features नहीं होते है।
Do hubs use IP address in Hindi
Hubs कभी भी IP address का उपयोग नहीं करते है क्योकि यह हमेशा OSI model के physical layer पर काम करते है। Hub का मुख्य काम data packets को receive करना और उन्हें सभी connected devices तक broadcast करने का होता है, बिना किसी specific destination का पता लगाए। Hub के पास किसी भी तरह की routing या forwarding की intelligence नहीं होती, इसलिए यह कभी भी IP address को ना समझता है और ना ही उसका उपयोग करता है।
इसका काम सिर्फ एक रिपीटर की तरह होता है, जो signal को amplify करता है और network के हर device तक पहुंच जाता है। अगर आपको IP address-based data transmission की जरूरत है, तो आप Hubs जगह switch या router का का उपयोग कर सकते है जो काफी batter साबित होगा, क्योकि यह network की efficiency को भी बढ़ाता है।
Applications of Hubs
- हब का उपयोग उन सभी situations में भी किया जाता है जहाँ हाई-स्पीड Data transmission की आवश्यकता नहीं होती।
- हब आम तौर पर छोटे नेटवर्क (network) वाले environments में उपयोग होता है, यानि जहाँ पर data security और performance काफी ज़्यादा critical नहीं होते।
- हब जो है वह network के setup को बहुत आसान (easy) बनाना है, लेकिन यह बड़े, complex networks के लिए अच्छा नहीं है।
- यह एक आसान (simple) और cost effective solution है इसलिए यह सिर्फ basic नेटवर्किंग (networking) की needs के लिए बेहतर माना जाता है।
- हब का उपयोग उन situations में भी होता है जंहा पर बहुत सारी यानि multiple devices को एक साथ connect करके उनका एक सिंपल नेटवर्क communication set up करना हो।
- इसका इस्तेमाल एक इस तरह की devices बनाने के लिए भी किया जाता है जो जिसको पूरे नेटवर्क के जरिए एक्सेस किया जा सके।
- इसका इस्तेमाल network monitoring के लिए भी किया जाता है।
- Organizations में भी connectivity प्रदान (provide) करने के लिए hubs का उपयोग (use) होता है।
- हब का उपयोग छोटे से छोटे home networks को बनाने के लिए किया जाता है।
Advantages of Hub in Hindi – Hub के फायदे
- Cost-Effective: Hubs Cost में काफी ज्यादा सस्ते होते है जिस वजह से यह small networks के काफी बेहतर होते है।
- Simple Installation: इनको setup करना भी बहुत ज्यादा आशान होता, यानि इसके लिए हमें किसी advanced configuration की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- Broadcasting Capability: Data को एक साथ सभी connected devices तक भेजने की ability रखता है जिसके कारण काफी टाइम बचता है।
- Connectivity: Multiple devices को एक साथ एक ही network में connect करने के काम आता है।
- Network Extension: यह Network के size को भी आशान बढ़ा देता है जो काफी ज्यादा उपयोगी होता है।
- Basic Monitoring: Simple network monitoring के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी है।
- No Configuration Required: इसमें किसी भी complex setup की ज़रुरत नहीं होती है, क्योकि यह out-of-the-box काम करता है।
- Supports Multiple Devices: यह एक साथ एक ही समय पर कई सारी devices को communicate करने देता है।
- Versatile Usage: Home networks, small offices, और temporary setups के लिए बहुत ज्यादा काम आता है।
- Plug-and-Play: इसमें आप Simple connection के साथ तुरंत काम शुरू कर सकते है, क्योकि इसमें आपको किसी Technical setup या किसी Advanced knowledge की जरूरत नहीं होती।
Disadvantages of Hub in Hindi – Hub के नुकसान
- हब में डाटा filter करने की क्षमता नहीं होती है जिस वजह से नेटवर्क में unnecessary traffic काफी बढ़ जाता है।
- यह हर एक data को सभी connected devices के लिए broadcast करते है जो security के लिए बहुत ज्यादा risk create करता है।
- अगर इसमें किसी वजह से Network traffic बढ़ जाता है तो उसके कारण इसकी performance बहुत slow हो जाती है।
- Hubs जो होते है वह हमेशा half-duplex mode में काम करते है, जो data transfer की speed को limited करता है।
- यह बिल्कुल भी intelligent नहीं होते है और इसके अलाबा यह data packets के destination को भी decide नहीं कर पाते है।
- Large और complex जैसे networks के लिए यह पूरी तरह से inefficient होते है।
- इसका नेटवर्क हमेशा Busy रहता है जिससे data collision होने के chances काफी बढ़ जाते हैं।
- यह Advanced networking features जैसे VLANs आदि को बिल्कुल भी support नहीं करते है।
- इसमें हमेशा Growing networks के लिए scalability की बानी रहती है।
- Switches के मुकाबले यह बहुत slow और less efficient होते है।
Conclusion (निष्कर्ष)
आज हमने इस पोस्ट की सहायता से यह समझा कि हब क्या होते हैं, ये कैसे काम करते हैं, और साथ यह भी जाना के इसके अलग-अलग टाइप कौन – कौन से है। Hub’s networking का एक बहुत ही ज्यादा important part है, जो Devices को एक साथ connect करते हैं और data transmission में मदद करते हैं। हालाँकि, इनके कुछ लिमिट भी होते हैं, लेकिन छोटे networks के लिए यह एक simple और affordable solution है।
उम्मीद है की आपको यह जानकारी useful लगी होगी साथ ही इसकी सहायता से आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा। तो ऐसे ही और interesting topics को जानने के लिए जुड़े रहिए “The Hindi Study” के साथ। Thank You!
Reference: https://www.geeksforgeeks.org/what-is-network-hub-and-how-it-works/